मधुवल्लरी छंद
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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विधान : मात्रिक छंद (मापनी युक्त)
२१ मात्राएँ
चार चरण : दो-दो चरण समतुकांत।
मापनी : २२१२ २२१२ २२१२
आभास हो संसार हो मनमोहना।
मस्तक मुकुट है रूप है प्रभु सोहना।।
वंदन करूँ मैं साँवरे सुखधाम हो।
कर जोड़ विनती मैं करूँ निष्काम हो।।
सुमिरन रहे प्रभु प्रीति भी कल्याण हो।
आशीष तेरी मिलती रहे उर प्राण हो।
कान्हा हरो सब पीर सुख अविराम हो।
आलोक फैले जग सुखद परिणाम हो।।
लो थाम अब नैया भँवर है जान लो।
पतवार हो कान्हा हमें पहचान लो।।
आत्मा करो पावन किशन परमात्म हो।
मीरा बनूँ जिह्वा सदा प्रभु नाम हो।।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति भट्ट
पौत्री : निहिरा,...

