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Tag: मधु अरोड़ा

स्वर्ग नर्क का द्वार यहां है
कविता

स्वर्ग नर्क का द्वार यहां है

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ********************  कर्मो का हिसाब यहां है, स्वर्ग नर्क का द्वार यहां हैं। हर बंदा परेशानियां है माया की आपाधापी में, कोई राजा के घर जन्मा कोई गरीब यहां पर रहता। पल में तोला पल में माशा, अजब कर्म का तमाशा यहां है। प्रभु के पास सभी का लेखा, फिर भी मानव नादान यहां है। सत्कर्म भूल माया के चक्कर में, फंस चोरी डकैती लूट है करता। जेलों के चक्कर में पड़ता, सत्य कर्म कर प्यार है पाता। सब के दिल में जगह बनाता। कर्मों से अपने सम्मान पाता सेवा से स्वर्ग का द्वार बनाता। कोई योगी तपस्वी यहां बना, कोई झूठ चोरी में पड़ा। हर जन का व्यवहार अलग है। स्वर्ग नर्क का द्वार अजब है, किसी को रोटी भरपेट मिले, कोई दाने-दाने को तरसे। अजब प्रभु की लीला यहां हैं, स्वर्ग नर्क का द्वार यहां है। सत कर्मों से स्वर्ग है मिलता, दुष्कर्मो से नर्क है मिलता। क...
आ उड़ चले
कविता

आ उड़ चले

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** पत्नी बोली पति से, सुन लो प्रीतम प्यारे। आओ उड़ चले हम दोनों, थोड़ै दिन कहीं अकेले। झमेले सारे खत्म हो जायें। सुबह शाम क्या बनाऊं, थोड़े दिन मन में चैन आ जाये। घूम ले फिर ले, मौज-मस्ती हम कर ले। नई ऊर्जा से हम भर लें, प्रीत प्यार की बाते कर ले, आ उड चले हम दोनों। दुनियादारी की ना हो बातें, प्रेम भरी बस चंद रातें, तू मुझे निहारे। मैं तुझे निहारूं। बांहों के बस घेरे हो प्रेम प्रीत पर ना पहले हो, आ उड चले हम दोनों। कहाँ जाये प्रिय तुम ये बताओ, थोड़ा पास हमारे आओ। यहीं तुम्हें हम सब घूमा दे। हो गई ‌तकरार फिर से, कंजूस हो तुम पति बड़े से।। परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक ...
अभिलाषा
कविता

अभिलाषा

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** अभिलाषा है मेरी प्रभुवर, श्वास श्वास में तेरा नाम रहे। सांसो की माला हो मेरी, राम नाम में ध्यान रहे। जपती रहूं तेरे नाम की माला। जैसे सरोवर का हंस जपत, जलधर जपत मोर को जैसे, हम तुमको जपे जैसे चंद्र चकोर, अभिलाषा है मेरी प्रभुवर, श्वास श्वास में तेरा नाम रहे। कोई ना रहे दुखारी, हर जीव हो सुखारी। संकट सबके ही टल जाए, जब हो कृपा तुम्हारी। देश पर संकट आया अति भारी, संभालो तुम गिरधारी। अपनी कृपा की बारिश कर दो, अभिलाषा है मेरी, उर में सबके शांति भर दो। लड़ाई झगड़े सबके हर दो, सतयुग की स्थापना कर दो। अभिलाषा है मेरी प्रभु वर। श्वास श्वास में तेरा नाम रहे परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरच...
रंग रसिया
कविता

रंग रसिया

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** तुमसे प्यार किया रंग रसिया, बसे हो मेरे मन बसिया। दिल, धड़कन, आत्मा में तुम हो, जित देखूं ‌उत ओर तुम हो। ओ मुरारी ओ त्रिपुरारी, तुम बिन सुनी-सुनी गलियां कहां छुपे हो आओ मोहन, नजरों से अपना बना लो मोहन। तुमसे प्यार किया रंग रसिया, तेरी मुरलिया की धुन खींचे। अपने प्यार में पागल कर दे, मैं बावरिया घर छोड़ के आई। दूध उफनता छोड़ के आई, रंगरसिया तू न समझे। तेरी छवि मोहे पागल कर दे। मन में मेरे आकर्षण भर दे। खींची आऊं मैं ‌दर पर तेरे, प्यार का मीठा रंग‌‌ वो भर दे। रंग रसिया मेरे मन बसिया, तेरी छवि मोहे दीवाना कर दे।। परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अप...
सैंया
कविता

सैंया

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** प्लेन में बिठा दे सैंया, लंदन पेरिस न्यूयॉर्क घुमा दे सैंया। डाल गल बहियां, घूमेंगे हम सैंया, कभी झुमका, कभी मुंदरी, नेकलेस से अब बात बने ना। हवाई जहाज में सैर करा दे सैंया। वादा तो तू करता है, ओ मेरे सपनों की रानी। मेरा घर चलाने वाली, बच्चों की ओ मैया प्यारी। घुमा दूं! तुझे इस साल नहीं ? मैं अगले साल दुनिया सारी, लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क, सभी की सैर करा दूंगा। अभी तो तू दिल्ली घूम ले रानी, काम चला ले इससे महारानी। दिला दूं तुझको, ब्रासलेट, कंगना, टीका, बिंदी, पायल, झुमका प्लेन में भी बिठा दूंगा वादा रहा इस साल नहीं तो अगले साल ओ मेरी राम प्यारी।। परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित ए...
जग में रहना सिखा दिया
कविता

जग में रहना सिखा दिया

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** अपना बना के श्याम ने, न हमें जग में रहना सिखा दिया। जैसे कमल रहता है जल में, इस तरह तुम भी रहो। आए दुख सुख चाहे जितने, सब को सहना सिखा दिया। जितने भी प्राणी है जगत के, सबके अंदर मैं ही हूं। श्याम ने हमें जग में सबसे, प्रेम करना सिखा दिया। काम कर दुनिया के सारे, मन में मुझको याद कर। फल की इच्छा ना कर कभी, यह हमें बतला दिया। जो आया इस जगत में, एक दिन उसको जाना है। आत्मा की अमरता का सार, हमको समझा दिया। जो शरण आता है मेरी, मुझको अपना मान कर। मैं हूं उसका वह है मेरा, यह हमें बदला दिया। सच्चे मन से शांत मन से, आओ इन प्रभु की शरण। बातों ही बातों में जिसने, रूप अपना दिखला दिया। क्या कहूं कैसे करूं, प्रार्थना की लीला अपरंपार है हम जीवो को तारने को, प्रार्थना स्वरूप बना दिया। हो भला सबका यह दिल में, धारणा हृ...
सेवा
कविता

सेवा

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** रख लो सेवा भाव, मन तेरा खुश रहेगा मन तेरा खुश रहेगा । बनेंगे बिगड़े काम रख लो सेवा भाव मन तेरा खुश रहेगा। दया धर्म हृदय में रख लो दीन दुखी की सेवा कर लो कर लो कुछ उपकार मन तेरा खुश रहेगा । जैसी सेवा बने तुम कर दो तन से मन से या फिर धन से दुआ मिले भरपूर मन तेरा खुश रहेगा । संतों की करना सेवकाई गरीब से ना करना बेवफाई मिल बांट कर के तू खा ले सब मेरी जान है भाई मन तेरा खुश रहेगा। मन तेरा खुश रहेगा। अगर तेरे पास है ज्यादा उसमें से तू बात दे थोड़ा एक चेहरे पर मुस्कान तू लेआ मन तेरा खुश रहेगा मन तेरा खुश रहेगा । ना मैं मंदिर में रहता हूं ना मैं मस्जिद में रहता हूं किसी दुखियारे की कर लो सेवा मैं तो वही रहता हूं मन तेरा खुश रहेगा।। परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ल...
जिंदगी का फ़लसफ़ा
कविता

जिंदगी का फ़लसफ़ा

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** जिंदगी का फ़लसफ़ा आओ तुम्हें मैं जिंदगी का फलसफा समझाऊ़ँ कुछ एहसास भरे अच्छे पल याद दिलाऊं। भरोसे वाले चाहत भरे दोस्त बनाऊं, इंतजार करूं वक्त का मै फैसला कोई ना सुनाऊं। गम में ना होऊं परेशान, हिम्मत रख‌ में मुस्कुराऊ़ँ इंसानियत कीजरूरत है को‌रोना काल चल रहा है, ख्याल रखें सभी का, लम्हे तो गुजर जाएंगे। मेहनत, मोहब्बत से अपना बना मास्क लगा, थोड़ी दूरी बना ले। नाराजगी ना मन में लाइए, ओम नाम उचारिये। प्यार भरे गीत गाइए किस्मत पर भरोसा रख मेहनत की चाबी घुमाइए। रिश्ते अनमोल है थोड़ा, निभकर संभालिये। समझौता प्यारा है, जिंदगी का एहसास हमारा है तमन्नाओं को यूं ना मारिए। उम्मीद, विश्वास की डोर से पूरा करते जाइए। वादा है परमपिता का आपसे, जिंदगी प्यार भरा गीत है प्यार से गाइए। एक्सप्रेशंस, यादें, जबरदस्त जि...
रंग रसिया
कविता

रंग रसिया

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** तुमसे प्यार किया रंग रसिया बसे हो मेरे मन बसिया दिल, धड़कन, आत्मा में तुम हो जित देखूं ‌उत ओर तुम हो ओ मुरारी ओ त्रिपुरारी तुम बिन सुनी सुनी गलियां, कहां छुपे हो आओ मोहन, नजरों से अपना बना लो मोहन तुमसे प्यार किया रंग रसिया, तेरी मुरलिया की धुन खींचे। अपने प्यार में पागल कर दे, मैं बावरिया घर छोड़ के आई दूध उफनता छोड़ के आई, रंगरसिया तू न समझे तेरी छवि मोहे पागल कर दे, मन में मेरे आकर्षण भर दे। खींची आऊं मैं ‌दर पर तेरे, प्यार का मीठा रंग‌‌ वो भर दे रंग रसिया मेरे मन बसिया, तेरी छवि मोहे दीवाना कर दे।। परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्...
संघर्ष
कविता

संघर्ष

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** संघर्षों की अथक कहानी, बिन संघर्ष अधूरी है जिंदगानी जिंदगी कदम-कदम पर कुछ सिखाती परेशानी ही आदमी के जीने के नए आयाम बनाती संघर्ष करते, हौसला बढ़ता जाता। वही मानव जीवन में सफल होता जाता। ऐसा कोई जीवन नहीं जिसमें ना हो संघर्ष जिंदगी फूलों की सेज नहीं, कदम-कदम पर कांटों का हे मेल , सबकी जिंदगी में संघर्षों का खेल। यह भी गुजर जाएगा। हौसला रख हिम्मत ना हार, वक्त गुजर जाएगा। गर्भ में आने से मरने तक, जीवन संघर्षों की कहानी। जीवन धूप छांव जैसा, सुख-दुख की बदली ने घेरा। मानव हिम्मत ना हार, यह भी गुजर जाएगा। यह भी गुजर जाएगा।। परिचय :- मधु अरोड़ा पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट...
पुरुष
कविता

पुरुष

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** यादों की इस किताब में मैं किताब खोल कर बैठ गई। कुछ सोचने लगी, कुछ लिखने लगी। नारी की सब बातें करते, ममता त्याग को लखते। नर है तो नारायणी वह, ऐसा सुंदर भाव हे रखते। पुरुष तुम्हारा कांधा पाकर, मैं सशक्त हो जाती हूं। पिता बनके प्यार लुटाते, अपनी ना सोच बच्चों की सोच जाते। तब भी तुम संबल हो जाते। लालन-पालन में बच्चों के, अपनी सुध बुध तुम बिसराते। भाई रूप में तुमको पाकर धन्य धन्य हो जाती हूं। हर समय चिडा चिडाकर कर मुझको सबसे ज्यादा ध्यान रखते। पल में झगड़ा पल मे प्यार, सबसे मेरे लिए झगड़ते‌। रखते हो तुम मेरा ध्यान छोटे होने पर भी मुझ पर खूब रोब जमाते हो, भाई तुम अपना फर्ज खूब निभाते हो। पति रूप में साथ तुम्हारा, मुझे भावविभोर कर जाता। सुख दुख के साथी बन मेरे, हर बात को तुम समझाते हो। प्यार तुम्हारा इतना पाकर धन्य धन्य में हो जाती। बेटा रू...
स्त्री
कविता

स्त्री

मधु अरोड़ा शाहदरा (दिल्ली) ******************** हां मैं स्त्री हूं, युगों-युगों से तुम्हारी सहचरी हूं, सृष्टि की निर्माता मैं, लालन-पालन करती हूं। अपने शरीर से, नव शरीर की संरचना करती। मुझे नाज है अपने पर मैं शक्ति स्वरूपा दुर्गा भी नर हो तुम तो नारायणी में, मेरे बिन जीवन तुम्हारा अपूर्ण। हां मैं स्त्री हूं, धरा बन जग को जीवन देती, पालित, पुष्पित भी करती, मेरी गोद में पलते सब पुष्पित, पल्लवित होते सब। हां मैं स्त्री हूं जीवनदायिनी में गंगा कल-कल-कल-कल करके बहती, प्यास बुझाती अमृत बन में शीतलता से मन को भर देती मैं ज्ञानदायिनी, न्याय कारिणी, शारदा बन बुद्धि का विकास करती। अग्नि बन दुखों को हरती सहनशीलता गुण है मेरा, हर किसी का सम्मान हूं करती। मुझको ना सताओ तरसाओ तुम, ना काली बनने पर मजबूर करो संस्कारों में बंधी हूं, मैं एक नाजुक सी डोर हूं मैं, कंधे से कंधा मिलाकर चलती हूं, हरदम मेह...