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मां

हरप्रीत कौर
शाहदरा (दिल्ली)

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मां ममता, प्यार,
त्याग और पवित्रता
की मूर्त है।
जिसका कर्ज हम
कभी नही उतार सकते हैं।
मां जो सबका
ख्याल रखती है,
हमारी खामोशी को भी
आसानी से समझ लेती है,
हमे कुछ हो जाए
परेशान हो जाती है,
मां हमें प्यार करती
दुलार करती है,
भूख न लगने पर
भी हमें जबरदस्ती
खाना खिलाती है।
सबके दिल की
धड़कन होती है मां।
हमनें कभी
भगवान को तो नही देखा
पर मां ही हमारे लिए
भगवान का रूप होती है।
मां के लिए कोई
शब्द ही नहीं है जो
मेरी कलम लिख पाए।
मेरी कलम में इतनी
ताकत नहीं जो
मां के चरित्र को
बयां कर पाए।
मां तो अनमोल है।
जो मां अपनी औलाद
के लिए कर सकती है,
वो औलाद भी अपनी मां के लिए
नही कर सकती।
क्योंकि मां तो मां है।
अगर संसार में कुछ सच्चा है,
तो वो सिर्फ मां का प्यार है।

परिचय :- हरप्रीत कौर
निवासी : शाहदरा (दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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