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इतनी शक्ति हमें देना

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
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इतनी शक्ति हमें देना माता।
मनका विश्वास कमजोर हो न।
हम चले मानवता के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल हो न।
इतनी शक्ति…….….।।

दूर अज्ञान के हो अंधेरे।
तुम सभी को ज्ञान की रोशनी दो।
हर बुराई से बचे रहे हम सब।
जितनी भी हो खुशी सभी को दो।
भेद भाव करे न किसी से,
मन सभी का पवित्र तुम कर दो।
हम चले मानवता के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल न हो।
इतनी शक्ति….….।।

हम सोचे हमें क्या मिला है।
हम सोचे करे क्या हम अर्पण।
मनमें श्रध्दा के भाव रखे हम।
पूरी निष्ठा से कार्य करे हम ।
दीन दुखीयों की सेवा करे हम।
ऐसी भावना सबकी बना दो।
हम चले मानवता के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल हो न।
इतनी शक्ति हमें…….।

ज्योत मन में धर्म की जगा दो।
सेवा भाव दिलों में बढ़ा दो ।
हिल मिलकर रहे हम सभी जन।
नफरत ईर्ष्या के भाव मिटा दो।
एक नये राष्ट्र निर्माण की माता,
तुम अब शुरुआत करा दो।
हमें चले मानवता के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल न हो।
इतनी शक्ति हमें….…।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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