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इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर वह नाम अपना लिखा गई

सीताराम पवार
धवली, बड़वानी (मध्य प्रदेश)
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स्वर की देवी स्वर छोड़कर
स्वर्ग लोक में समा गई
जाते-जाते भी धरती पर
सारी दुनिया को रुला गई।

भारत रत्न स्वर कोकिला को
यह दुनिया भुला नहीं पाएगी
अपने सुस्वर से महान
हस्तियों की पलकें भीगा गई।

साधारण जीवन और उच्च विचार
उसकी अनमोल धरोहर थी
इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर
वह अपना नाम लिखा गई।

माया नगरी में रहकर भी ये
माया उसको छू नहीं पाई
गरीबी से कैसे लड़ना है
सारी दुनिया को सिखा गई।

परिवार के खातिर उसने अपनी
खुशियों का त्याग किया
शोहरत और रुतबा क्या होता है
ये सारी दुनिया को दिखा गई

उसका गीत सुनकर ही नेहरू
जी की आंखें भर आई थी
अंतिम सफर पर उसी गीत से
मोदी जी की आंखें डबडबा गई।

जिस वक्त स्वर की देवी ने
स्वर्ग लोक को गमन किया
नारी का रिश्ता क्या होता है
नारी जगत से निभा गई।

परिचय :सीताराम पवार
निवासी : धवली जिला बड़वानी (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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