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भक्तों का विश्वास

किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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भक्तों का विश्वास है रहता एक दिन प्रभु तो आएंगे,
डूबती नैया भक्तों की देखो आकर प्रभु बचाएंगे,

ध्रुव प्रहलाद को आकर तुमने अपने गले लगाया है,
खंब फाड़ नरसी अवतारे भक्तों को गले लगाया है,

नानी बाई का भात हे भरने प्रभु तो तुम जब आए हो,
नरसिंग जी का मान बढ़ाकर भात प्रभु भर जाते हो,

कर्माबाई का खिचड़ा प्रभु तुम आकर रूप रूच पाते हो,
मीराबाई के विरह गायन में आकर तुम बस जाते हो,

दुर्योधन का मेवा त्यागा, साग विदुर घर पाते हो,
विदुरानी के हाथ से देखो, केल का छिलका पाते हो,

द्रोपति का प्रभु चिर बढ़ाते, कलयुग में कहां बिसराये हो,
असंख्य दुशासन खड़े यहां पर, कब सुदर्शन धारी आओगे,

असंख्य द्रोपति तुम्हें पुकारती, कब आकर लाज बचाओगे,
किरण की प्रभु यही विनती, कब आकर दर्श दिखाओगे,

तेरे दरस की अखियां प्यासी, कब आकर प्यास बुझाओगे…

परिचय : किरण पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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