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जीवन की भूल

सुधीर श्रीवास्तव
बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश)
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इधर पांच राज्यों में
चुनावी तारीखों
का एलान हुआ,
नेताओं में खुशियां थीं
पर मेरा बुरा हाल हुआ।
एक एक करके कई
बड़े नेताओं का फोन
पार्टी स्टार प्रचारक का
आफर के साथ आया
मैं हैरान परेशान हो गया
ये सब क्या से क्या हो गया।
अब इन सबको
समझाना मुश्किल हो रहा था
स्टार प्रचारक बनकर
क्या झंडा हिलाना है।
मैंने भी दिमाग चलाया
एक को अपने जाल में फंसाया
बड़े बुद्धिमान हो तो
मुझे पार्टी का चेहरा बनाओ
कहीं से भी चुनाव लड़वाओ
मेहनत करोगे
तो जीत ही जाऊंगा,
मुख्यमंत्री बनाओगे तो
दूसरी पार्टी के विधायकों
को तोड़ लाऊंगा।
पहले करोड़ों का
खुला आफर दूंगा
फेल हुआ तो
धमकियां दूंगा,
कुर्सी के लिए
दो चार विकेट भी
लेना पड़ा तो ले लूंगा,
बिल्कुल नहीं शरमाऊँगा
पर मुख्यमंत्री
तो मैं ही बनूंगा।
मेरा आफर
स्वीकार है तो ही
जहां चाहोगे प्रचार
करने जाऊंगा
पर वोट की गारंटी
बिल्कुल नहीं दे पाऊंगा।
स्वीकार है तो
प्रेस कांफ्रेंस अभी बुलाओ
स्टार प्रचारक तो ठीक है
पर पार्टी की ओर से
मुख्यमंत्री पद के लिए
मेरे नाम की सार्वजनिक
घोषणा कराओ
तो मैं भी आपको
वचन देता हूं
पार्टी की सरकार मैं
बनाकर दिखाऊंगा
विधायक कम पड़े तो
दूसरी पार्टियों का
बिना शर्त समर्थन
लेकर दिखाऊंगा
जो नहीं माना उसकी
दुखती रग दबाऊंगा,
उसके पहले यदि आपने
मेरा आफर नहीं स्वीकारा
तो आपको भी अभी
उदाहरण देकर समझाऊंगा।
अब आपके लिए कठिन समय है
मुझे स्टार प्रचारक बनाने
का ख़्वाब देखना ही
आपके जीवन की बड़ी भूल है।

परिचय :- सुधीर श्रीवास्तव
जन्मतिथि : ०१/०७/१९६९
शिक्षा : स्नातक, आई.टी.आई., पत्रकारिता प्रशिक्षण (पत्राचार)
पिता : स्व.श्री ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव
माता : स्व.विमला देवी
धर्मपत्नी : अंजू श्रीवास्तव
पुत्री : संस्कृति, गरिमा
संप्रति : निजी कार्य
विशेष : अधीक्षक (दैनिक कार्यक्रम) साहित्य संगम संस्थान असम इकाई।
रा.उपाध्यक्ष : साहित्यिक आस्था मंच्, रा.मीडिया प्रभारी-हिंददेश परिवार
सलाहकार : हिंंददेश पत्रिका (पा.)
संयोजक : हिंददेश परिवार(एनजीओ) -हिंददेश लाइव -हिंददेश रक्तमंडली
संरक्षक : लफ्जों का कमाल (व्हाट्सएप पटल)
निवास : गोण्डा (उ.प्र.)
साहित्यिक गतिविधियाँ : १९८५ से विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां, लघुकथाएं, हाइकू, कविताएं, लेख, परिचर्चा, पुस्तक समीक्षा आदि १५० से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। दो दर्जन से अधिक कहानी, कविता, लघुकथा संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन, कुछेक प्रकाश्य। अनेक पत्र पत्रिकाओं, काव्य संकलनों, ई-बुक काव्य संकलनों व पत्र पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल्स, ब्लॉगस, बेवसाइटस में रचनाओं का प्रकाशन जारी।अब तक ७५० से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, सतत जारी। अनेक पटलों पर काव्य पाठ अनवरत जारी।
सम्मान : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ४५० से अधिक सम्मान पत्र। विभिन्न पटलों की काव्य गोष्ठियों में अध्यक्षता करने का अवसर भी मिला। साहित्य संगम संस्थान द्वारा ‘संगम शिरोमणि’सम्मान, जैन (संभाव्य) विश्वविद्यालय बेंगलुरु द्वारा बेवनार हेतु सम्मान पत्र।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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