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मादक नैन

मीना भट्ट “सिद्धार्थ”
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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आओ साजन देख रहे पथ,
मादक नैन हमारे हैं।
सुरभित यौवन ले अँगड़ाई,
प्रियतम हमें बिसारे हैं।।

निश्छल प्रीति हमारी साजन,
सावन-सी मदमाती है।
दुग्धमयी निर्झरिणी-सी ये
देख तुम्हें इठलाती है।।
प्रियवर बसते हो तुम हिय में,
हर पल राह निहारे हैं।

आओ साजन देख रहे पथ
मादक नैन हमारे हैं।।

करते व्याकुल नयन प्रतीक्षा,
कंचन काया मुरझाई।
प्रणय सेज हँसती हैं मुझ पर,
प्रतिपल डसती तन्हाई
मौन अधर, पायल के घुँघरू,
निशदिन तुम्हें पुकारे हैं।

आओ साजन देख रहे पथ,
मादक नैन हमारे हैं।।

खोई मधुऋतु की है सरगम,
दुख के बादल मँडराते।
छाया है घनघोर अँधेरा,
जलते जुगनू घबराते।।
पीड़ाओं के भँवर-जाल में,
डूबे सभी किनारे हैं।

आओ साजन देख रहे पथ,
मादक नैन हमारे हैं।।

परिचय :- मीना भट्ट “सिद्धार्थ”
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति भट्ट
पौत्री : निहिरा, नैनिका
सम्प्रति : सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश (मध्य प्रदेश), लोकायुक्त संभागीय सतर्कता समिति जबलपुर की भूतपूर्व चेयरपर्सन।
प्रकाशित पुस्तक : पंचतंत्र में नारी, काव्यमेध, आहुति, सवैया संग्रह, पंख पसारे पंछी
सम्मान : विक्रमशिला हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा, विद्या सागर और साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा, विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि, गुंजन कला सदन द्वारा, महिला रत्न अलंकरण तथा कई अन्य साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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