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क्या है कविता

छत्र छाजेड़ “फक्कड़”
आनंद विहार (दिल्ली)
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मैं
नहीं जानता
ये पद्य है
या फिर गद्य है
सावद्य है
या फिर निरवद्य है
पर
इतना जानता हूँ
भावों से ओतप्रोत रचना
पूर्णतया सद्य है……!

व्याकरण मुक्त है
मन भाव युक्त है
सरस्वती कृपा से
संवेदन सशक्त है
मन उभरे जो भाव
लिख रही कलम
उद्विग्नता से कागज पर
आवेग भी है… संवेग भी है…
शायद श्रेणी इसकी
मुक्त छंद है…..

चिन्तन है
मनन है
स्तवन है
सम्मोहन है
स्पंदन है
ज्ञान है… मन विद्वान है
निचोड़ है भाव
अभिव्यक्ति सच की
निरंतर… निर्लिप्त…
होती है कविता…. !

सपने सजाती
अंतस भाव दर्शाती
अवसादी पीड़ा
उन्मादी क्रीड़ा
सच दिखलाती
वाद विवाद की
लक्ष्मण रेखा से परे
निर्द्वन्द्व
निस्पृह
मनभावों से झरती है कविता…!

ना पूंजीवाद
ना साम्यवाद
क्यों करें रचना
कोई वाद-विवाद
बात हो मात्र
मानवता की
धर्म है कलम का
सत्य लिखना
कलम निभाती फर्ज
इसलिए करती है संवाद….!

पक्ष है
विपक्ष भी है
प्रत्यक्ष है
परोक्ष भी है
चंचल मन बेचारा
सोचता कुछ है
मगर करता कुछ और है
निकाल मझधार से मन
बनी रहती है
कविता संपूर्ण निष्पक्ष…!

परिचय :- छत्र छाजेड़ “फक्कड़”
निवासी : आनंद विहार, दिल्ली
विशेष रूचि : व्यंग्य लेखन, हिन्दी व राजस्थानी में पद्य व गद्य दोनों विधा में लेखन, अब तक पंद्रह पुस्तकों का प्रकाशन, पांच अनुवाद हिंदी से राजस्थानी में प्रकाशित, राजस्थान साहित्य अकादमी (राजस्थान सरकार) द्वारा, पत्र पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में नियमित प्रकाशन, राजस्थानी लोक गीतों के लिए प्रसिद्ध कंपनी “वीणा कैसेटस” के दो एलबमों में सात गीत संगीतबद्ध हुये हैं।
सम्मान : “राजस्थानी आगीवान” सम्मान से सम्मानित
श्री गंगानगर के सृजन साहित्य संस्थान का सृजन साहित्य सम्मान व
सरदारशहर गौरव (साहित्य) सम्मान व अनेक अन्य सम्मानरा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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