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विजय का उत्सव

अशोक कुमार यादव
मुंगेली (छत्तीसगढ़)

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घरों-घर में देहली-दीपकों की लगी है कतार।
नए पटाखे की ध्वनि से गूँज रहा सारा संसार।।
खुशियों की सौगात लेकर आई है दिवाली।
पर्व की तैयारी करो, चहुँओर है उजियाली।।

सूर्य है दानवीर, प्रकाश और ऊर्जा का दाता।
युति में भू पर पड़ती नहीं चंद्रमा की आभा।।
जनता में अपार हर्ष है, देख रहे हैं राह तुम्हारी।
रामराज लाने के लिए आएँगे विष्णु अवतारी।।

श्रीराम ने सीता को रावण के कैद से छुड़ाया।
वनवास काटकर अयोध्या को वापस आया।।
घी के दीप से आरती उतार कर अभिनंदन करेंगे।
पतित पावन राघव के चरण कमल की वंदन करेंगे।।

अंधकार की ओर नहीं, प्रकाश की ओर जाना है।
बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव मनाना है।।
अज्ञान पर ज्ञान, असत्य पर सत्य की जीत हो।
निराशा पर आशा, जनों में एकता और प्रीत हो।।

परिचय : अशोक कुमार यादव
निवासी : मुंगेली, (छत्तीसगढ़)
संप्राप्ति : शिक्षक एल. बी., संस्थापक एवं अध्यक्ष यादव समाज सेवा, कला, संस्कृति एवं साहित्य उन्नयन समिति मुंगेली।
प्रकाशित पुस्तक : युगानुयुग
सम्मान : मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण ‘शिक्षादूत’ पुरस्कार से सम्मानित, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, छत्तीसगढ़ हिन्दी रत्न सम्मान, अटल स्मृति सम्मान, बेस्ट टीचर अवॉर्ड।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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