मैं क्या हूँ …?
प्रभात कुमार "प्रभात"
हापुड़ (उत्तर प्रदेश)
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मैं क्या हूँ ?
स्वयं का अहम हूँ,
कौन हूँ?
पानी का एक बुलबुला हूँ,
फिर भी इठला रहा हूँ ।
क्योंकि मैं "मैं" हूँ।।
अपने जीवन और अस्तित्व से
भली भांति परिभाषित हूँ ,
किंतु अहम के आवरण से ढका हूँ।
क्योंकि मैं "मैं" हूँ।।
अस्तित्व में आने के लिए
सदैव कसमसाता हूँ,
किंतु काल के गाल में
कब समा जाऊं !
यह जानने के लिए,
नियति को प्रतिपल मनाता हूँ।
क्योंकि मैं "मैं" हूँ।।
सहसा क्या देखता हूं !
काल के सम्मुख स्वयं को पाता हूँ
संभलना चाहता हूँ,
नादानियों का प्रायश्चित
करना चाहता हूँ,
किंतु संभल ही नहीं पाता हूँ।
क्योंकि मैं "मैं" हूँ।।
फिर भी सौभाग्यशाली हूँ,
अहम को छोड़कर
पाप-पुण्य को त्याग कर,
जीवन-चक्र को भूलकर,
मुक्ति के आगोश में
चला जाता हूँ।
क्योंकि मैं अब "मैं" नहीं हूँ,
पानी का बुलबुला हूँ।
कर...






















