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यादें अपने साथ हमारी रखते हैं।
ग़ज़ल

यादें अपने साथ हमारी रखते हैं।

नवीन माथुर पंचोली अमझेरा धार म.प्र. ******************** यादें अपने साथ हमारी रखते हैं। लोग जो सबसे दुनियादारी रखते हैं। रखते हैं वो पूछ-परख जज़्बातों की, खुशियों में जो ग़म से यारी रखतें हैं । हाथ हमेशा सिर पर रहता है उनका, जो अपनों की जिम्मेदारी रखतें हैं। दूर है सूरज-चाँद यहाँ सबसे कितने, फिरभी रोशन दुनियाँ सारी रखते हैं। खेल यहाँ जब हम-आपस में होता है, वो अपनों से बाज़ी हारी रखते हैं । परिचय :- नवीन माथुर पंचोली निवास - अमझेरा धार म.प्र. सम्प्रति - शिक्षक प्रकाशन - देश की विभिन्न पत्रिकाओं में गजलों का नियमित प्रकाशन, तीन ग़ज़ल सन्ग्रह प्रकाशित। सम्मान - साहित्य गुंजन, शब्द प्रवाह, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानि...
उसकी छवि
कहानी

उसकी छवि

अतुल भगत्या तम्बोली सनावद (मध्य प्रदेश) ******************** सुबह चाय लेते समय मैंने उससे फोन पर बात करते हुए पूछ लिया। क्या चल रहा है आजकल? उसने दबी हुई आवाज में मुझसे कहा कि जीवन है बस जीये जा रहे है। मैंने उस आवाज को समझ लिया और उससे समस्या जानना चाहा पर वह समस्या बता नही पा रहा था। मुझे जल्द से जल्द तैयार होकर ऑफिस जाना था इसलिए मैंने ज्यादा जोर न देते हुए कुछ समय बात करके फोन काट दिया। मैं व्यस्त हो गया। ऑफिस जाने की जल्दी में मैं अपना मोबाइल जो बार बार बज रहा था। उसे उठा नही पाया। मैंने जब मोबाइल उठाया शायद उस समय काफी देर हो चुकी थी। मैंने जब मोबाइल देखा उसमें रवि के चार मिस्ड कॉल थे। उस नम्बर पर जब कॉल किया तो किसी सज्जन व्यक्ति ने उसका मोबाइल उठाया। मुझे जैसे ही पता चला रवि इस दुनिया में नही रहा। मेरे पैरों तले जमीन सरक गई। मैं अपना काम छोड़ उस जगह पर पहुँचा जह...
हां, मैं शिक्षक हूं!
कविता

हां, मैं शिक्षक हूं!

संजू "गौरीश" पाठक इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** शिक्षक एक ऐसा दीपक है, खुद अंधकार में रहता है। करता आलोकित पथ सबका, तिल - तिल करके खुद जलता है।। हो विकट परिस्थिति कितनी भी, मेहनत का पाठ पढ़ाते हैं। मन का विज्ञान समझकर ही शिक्षण में रुचि जगाते हैं।। होते हैं ज्ञान पिपासु स्वयं, संस्कारों का करते विकास। बच्चों के स्तर पर जाकर, सिखलाते हर संभव प्रयास।। अपनाते नवाचार शिक्षण, शिक्षा गुणवत्ता में सुधार। अगणित गतिविधियां अपनाकर, करते हैं शिक्षा का प्रसार।। कर सहन प्रहार कोराेना का, दायित्व निर्वहन में डटे रहे। ऑनलाइन पद्धति अपनाकर, निर्बाध शिक्षण करते रहे।। परिचय :- संजू "गौरीश" पाठक निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं...
जाग, अब मत सो चिरैया
गीत

जाग, अब मत सो चिरैया

भीमराव झरबड़े 'जीवन' बैतूल (मध्य प्रदेश) ******************** है बड़ा निष्ठुर जमाना। जाँच के ही पग उठाना। सद्जनों में है अहेरी, जाल सब जाने बिछाना।। हाथ में तलवार रख ले, चाहती हक जो चिरैया।।१ छाँव के छाते तने हैं। बस दिखावे को बने हैं। तंत्र के साधक सिपाही, काम लिप्सा में सने हैं।। स्वप्न के उर्वर पटल पर, शूल तू मत बो चिरैया।।२ घाव रिश्तों ने दिए जो। खून के आँसू पिए जो। अब चुकाने का समय है, कर्ज वे मन पर लिए जो।। कीच जो तुझ पर उछाले, अब उन्हीं को धो चिरैया।।३ परिचय :- भीमराव झरबड़े 'जीवन' निवासी : बैतूल मध्य प्रदेश घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर ...
हिंदी
कविता

हिंदी

ज्योति लूथरा लोधी रोड (नई दिल्ली) ******************** हिंदी है ही इतनी प्यारी, जितना जानो कम है, इसमे इतना दम है, क्योंकि हिंदी से ही हम है। हिंदी ने ही मुझे बनाया बढ़ाया, मुझे सिखाया सवारा सुधारा, हिंदी है अनुपम माया, इसकी है शीतल छाया। हिंदी न मेरी न तेरी वो है सबकी, हिंदी में कुछ बात है हिंदी हमारे साथ है, हिंदी है ज्ञान का भंडार इसमें है अनेक विचार, हिंदी को बनाओ प्यार हिंदी है मेरी यार। हिंदी को बनाओ प्यार हिंदी है मेरी यार। परिचय :- ज्योति लूथरा संस्थान : दिल्ली विश्वविद्यालय निवासी : लोधी रोड, (नई दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अ...
मन की आँखे खोल
कविता

मन की आँखे खोल

योगेश पंथी भोपाल (भोजपाल) मध्यप्रदेश ******************** चहरे का तो रंग उड़ा है नस नस में है कपट भरा। चला ठाट से तीरथ करने घरमें है अंधकार पड़ा॥ चार जीव का दिल जलता हैं चला है शान दिखाने को। यारों के संग मौज मनाता घर में नही हैं खाने को॥ घर की परवाह उसे कहाँ सिर्फ दिखावा प्यारा है। जब पैसे की खनक बड़े तब हो जाता न्यारा है॥ लगा सके न जहा रुपईया तंग हाल में, वो घर प्यारा हैं। सिर छुपाने जगह नही तो तब होता वहीं गुज़ारा है॥ कटे विधुत खंडहर हो घर उसकी आँख नही झुकती। नाक कटे दुनिया भर में पर डिन्गा फांक नही रुकती॥ दिल दुखते हो लोगों के तो खुद खुशहाल नही होते। तीरथ कर लेने से केवल खुश भगवान नही होते॥ दुराचार की संगत से तो यज्ञ भी नष्ट हो जाते हैं। मन मे छल हो तीरथ से क्या दूर कष्ट हो जाते हैं॥ जितना कष्ट देता सब को तेरा परिवार भी झेल रहा। ईश्वर खेल ...
शिक्षा
कहानी

शिक्षा

अमिता मराठे इंदौर (मध्य प्रदेश) ********************  "वाह भगवान आपने मेरी अर्जी सुन ली। इसलिए शुक्रिया अदा करता हूं।" बहू, आज कुछ मीठा बना लेना भोजन में।' बाबूजी प्रार्थना तो भगवान ने मेरी सुनी है। रोज पीछे पड़ती थी। डिग्री बहुत सी हो या फिर अकल तेज तर्राट हो। "अरे बेटा जो हुआ अच्छा हुआ ना।" दर्शन भी नयी नौकरी पा कर बहुत खुश थे। आज कम्पनी जाॅईन कर घर लौटे थे। आते ही आदेश देते जा रहे थे...... हमने कम्पनी के पास ही, पाॅश काॅलोनी में फ्लेट ले लिया है‌। हां वहां आरज़ू नाम का लड़का है। उसे पेकिंग का काम सौंप दिया है। उससे काम करवा लेना, और जरा फ्लेट के नल पाइप बिजली तथा रसोई घर की व्यवस्था में सुधार चाहिए तो देखने चलना है, तैयार रहना। दर्शना देवी सी मूक हो दर्शन को देख रही थी। दो दिन में कितना बदल गया है। कितना आत्म विश्वास आ गया है सारे व्यक्तित्व में! चेहरा भी रौबदार हो गया है। हा...
राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय बाल कवि सम्मेलन सम्पन्न।
साहित्य समाचार

राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय बाल कवि सम्मेलन सम्पन्न।

इंदौर। हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा दिनांक ०८ सितम्बर से दिनांक १४ सितम्बर तक सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, आज सप्ताह के चतुर्थ दिवस पर दिनांक १२ सितम्बर रविवार को अखिल भारतीय बाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न राज्यों के बाल कवि एवं बाल कवयित्रियों ने प्रतिभागिता कर अपनी उत्कृष्ट रचनाएं सुनाई। कवि सम्मेलन से पूर्व राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एवं हिन्दीरक्षकडॉटकॉम के सम्पादक पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) ने मंच पर पधारे सभी रचनाकारों का स्वागत व अभिवादन कर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा चलाये जा रहे अभियान व कार्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, तत्पश्चात सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन आरम्भ हुआ। https://youtu.be/bW4me58gUrM कवि सम्मेलन का संचालन ७ वर्षीय कु. श्रीधी मकवाना (इंदौर मध्य प्रदेश) ने कि...
देश के राज्यों की विशेषता
कविता

देश के राज्यों की विशेषता

संजय जैन मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** सुनों सुनता हूँ तुमको देश की कहानी। जिसमें हैं २९ राज्यों का समावेश। राज्यों कि भी है अपनी अपनी कहानी। कोई विकसित है तो कोई है जंगल। पर सभी का ह्रदय है तो भारत। परंतु एकबात समान है सभी राज्यों में। अलग अलग राज्यों की भाषाएँ हैं। खाने और पहाने का तरीका भी अलग है। रीति रिवाजो का तरीका भी अलग है। परंतु तिरंगा के प्रति बहुत सम्मान है। तभी तो एक सूत्र में सभी राज्य बंधे हैं। और सभी का है एक ही संविधान। जो हर धर्म जातियों को समानता देता है। अनेकता में एकता जिसकी सबसे बड़ी विशेषता है। चलो आज प्रदेश के अनुसार सुनता हूँ। आपको देश के प्रदेशों की कहानी। तभी जान पाओंगे राज्यों को तुम। प्रथम में हम बात करते है कश्मीर की। जहाँ रहते है कश्मीरी पंडित। और वहां पर बहुत पैदा होती है केशर। बात करते है अब हिमाचल प्रदेश की। जहाँ के पू...
चलो तो सही
कविता

चलो तो सही

श्वेतल नितिन बेथारिया अमरावती (महाराष्ट्र) ******************** मत बैठना थक कर के वरना कहोगे मंजिल मिली ही नही अपने सपनों को पंख देकर उड़ान के अब तुम चलो तो सही। कौन भला क्या जीत पाया है यहाँ खुद के मन को यूं मार के रखो यकीन सब जीत जाओगे इक दिन सब कुछ हार के। हों यदि हौसले बुलंद तो क्या डरना किसी आंधी या तूफान से पर दिल न दुखे किसी का, खाली हाथ लौटना भी है जहाँन से। हो यदि मीठी जुबान तो मनुष्य का हर जगह गुणगान होता है वाणी ही बोध कराती सदा नेह का इससे ही सम्मान होता है। परिचय - श्वेतल नितिन बेथारिया निवासी - अमरावती (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र - मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच ...
आँसुओं के मोती
कविता

आँसुओं के मोती

राजेन्द्र कुमार पाण्डेय 'राज' बागबाहरा (छत्तीसगढ़) ******************** सोनू! तुमने जो प्यार दिया मेरे इस दिल को वो प्यार कहीं ना अब तलक मुझे मिला जिंदगी का कोई अर्थ नही था अब तक तेरे प्यार ने मुझे नई जिंदगी का अर्थ दे दिया मेरी सोनू! तूने जब से थामा है मेरा हाथ मेरा हर लम्हा-लम्हा सुलझा-सुलझा रहता है बेअदबी इल्जाम लगाया दुनिया ने मुझ पे तुम्हारे प्यार पाकर रिहा हुआ इल्जामों से अब तो तेरे प्यार पे ही भरोसा है मुझको बिना सोचे समझे एतबार किया है मुझे मैंने आँसुओं से मोती की माला पिरोया मैंने अपने गले का तुझको हार बनाया है तेरे खूबसूरती के सागर में जब से खोया फिर खुद को खुद से कभी मिल नही पाया किस्मत भी खफा हो तो कोई गम नहीं अपने प्यार से कभी भी कोई शिकवा नहीं पर सोनू तेरा हर इल्जाम का गंवारा है मुझे फिर भी मैं तूझसे ही प्यार करता रहूंगा जब-जब भी मैंने आईना को देखता हूँ ...
राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न। भाग ०३
साहित्य समाचार

राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न। भाग ०३

इंदौर। हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा दिनांक ८ सितम्बर से दिनांक १४ सितम्बर तक सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, आज सप्ताह के तृतीय दिवस पर दिनांक १० सितम्बर शुक्रवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न राज्यों के कवि एवं कवयित्रियों ने प्रतिभागिता कर अपनी उत्कृष्ट रचनाएं सुनाई। कवि सम्मेलन से पूर्व राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एवं हिन्दीरक्षकडॉटकॉम के सम्पादक पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) ने मंच पर पधारे सभी रचनाकारों का स्वागत व अभिवादन कर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा चलाये जा रहे अभियान व कार्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, तत्पश्चात सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन आरम्भ हुआ। https://youtu.be/v0VeVEahr6w कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ रचनाकार श्री धीरेन्द्रजी जोशी (कोदरिया महू) द्वारा किया गया...
राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न। भाग ०२
साहित्य समाचार

राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न। भाग ०२

इंदौर। हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा दिनांक ८ सितम्बर से दिनांक १४ सितम्बर तक सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, आज सप्ताह के तृतीय दिवस पर दिनांक १० सितम्बर शुक्रवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न राज्यों के कवि एवं कवयित्रियों ने प्रतिभागिता कर अपनी उत्कृष्ट रचनाएं सुनाई। कवि सम्मेलन से पूर्व राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एवं हिन्दीरक्षकडॉटकॉम के सम्पादक पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) ने मंच पर पधारे सभी रचनाकारों का स्वागत व अभिवादन कर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा चलाये जा रहे अभियान व कार्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, तत्पश्चात सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन आरम्भ हुआ। https://youtu.be/Iruf5plVEQ8 कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ रचनाकार श्री धीरेन्द्रजी जोशी (कोदरिया महू) द्वारा किया गया...
राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न। भाग ०१
साहित्य समाचार

राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न। भाग ०१

इंदौर। हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा दिनांक ८ सितम्बर से दिनांक १४ सितम्बर तक सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, आज सप्ताह के तृतीय दिवस पर दिनांक १० सितम्बर शुक्रवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न राज्यों के कवि एवं कवयित्रियों ने प्रतिभागिता कर अपनी उत्कृष्ट रचनाएं सुनाई। कवि सम्मेलन से पूर्व राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एवं हिन्दीरक्षकडॉटकॉम के सम्पादक पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) ने मंच पर पधारे सभी रचनाकारों का स्वागत व अभिवादन कर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा चलाये जा रहे अभियान व कार्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, तत्पश्चात सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन आरम्भ हुआ। https://youtu.be/n3rp8gsKtfY कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ रचनाकार श्री धीरेन्द्रजी जोशी (कोदरिया महू) द्वारा किया गया...
राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के सात दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन के साथ हुआ।
साहित्य समाचार

राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के सात दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन के साथ हुआ।

https://youtu.be/cOjgLTy7DhY इंदौर। हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा दिनांक ८ सितम्बर से दिनांक १४ सितम्बर तक सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, आज सप्ताह के प्रथम दिवस पर शुभारम्भ समारोह, सम्मान समारोह, व पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी तहत १००८ परमपूज्य महामंडलेश्वर श्रीदादूजी महाराज (महंत श्रीगजासीन शनि मंदिर इंदौर) के कर कमलों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा को माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता का निर्वहन प.पू. श्रीदादूजी महाराज ने किया वहीँ मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला अध्यक्ष (इकाई धार) श्रीशरदजी जोशी "शलभ", व विशेष अतिथि श्रीमती मनोरमा जोशी (इंदौर) मंच को सुशोभित कर रहीं थीं। अतिथियों का स्वागत राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एवं हिन्दीरक्षकडॉटकॉ...
मोह-माया की दुनिया
व्यंग्य

मोह-माया की दुनिया

कु. आरती सिरसाट बुरहानपुर (मध्यप्रदेश) ******************** बात सुबह के आठ साढ़े आठ बजे की है जब मैं बालकनी में बैठीं हुई चाय और बिस्किट का मज़ा लेते हुएँ, साथ में ही अखबार के पन्नों को पलट रही थी। ओर सोच रही थी की आखिरकार हमारें देश के नागरिक कब मोह माया की दुनिया से बाहर निकलेगें। कब वर्तमान में जीवन जीएगे कब वास्तविकता का समाना करेंगे। और कब देश का विकास होगा। तभी अचानक मेरी नज़र नीचें सड़क पर पड़ी। ओर मैंने देखा की शर्मा चाचाजी चलते-चलते अचानक रूक गये। मगर मैं कहा रूकने वाली थी, मैं तो तुरंत बोल पडीं। ...अरे चाचाजी क्या हुआ आप चलते-चलते अचानक क्यों रूक गयें, क्या कुछ भुल गये बाजार से लाना। चाचाजी बोलें... अरें नहीं बेटा कुछ भुला नही... बल्कि मैं तो बहुत जल्दी में हूँ, मुझे जल्दी घर जाना है। ठीक है चाचाजी, मुझे क्षमा कर दीजिए, आप जल्दी में है ओर मैंने आपको बीच में टोक दिया। कोई बात...
शिक्षक है दीपक
कविता

शिक्षक है दीपक

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू बालोद (छत्तीसगढ़) ******************** शिक्षक है दीपक की छवि जो जलकर दे दूसरों को रवि वही तो राष्ट्र निर्माता कहलाता है.... तन-मन-वचन से कर्तव्य निभायें जो प्रतिभा की आभा बिखरायें वही तो ज्ञानदाता गुरू कहलाता है.... ईश्वर से महान तो गुरू बतलाये जीवन शैली की तो गुर सिखलाये वही तो भाग्य विधाता कहलाता है.... शिक्षक सद्ज्ञान की ज्योति है वो प्रकाश पुंज की मोती है वही तो दिव्यदाता कहलाता है... सत्-असत् पथ पर चलना सिखायें विद्यार्थी जीवन का मार्ग बतलायें वही तो सुविधादाता कहलाता है ... शैक्षिक सह-शैक्षिक पाठ पढ़ाये सबक सिखाकर आगे बढ़ाये वही तो सीख प्रदाता कहलाता है.... सर्वांगीण विकास कर धन्य बनाये पढ़ा लिखाकर नागरिक बनाये वही तो जीवनदाता कहलाता है .... हर कला क्षेत्र में पारंगत बनाये प्रशंसनीय प्रयास अनुसरण कराये वही तो स...
पहली शिक्षक माँ होती है।
कविता

पहली शिक्षक माँ होती है।

डॉ. कोशी सिन्हा अलीगंज (लखनऊ) ******************** पहली शिक्षक माँ होती है। प्रारम्भिक पाठशाला माँ होती है फिर, पिता और घर-परिवार वाले अडोस पड़ोस और सब दुनियाँ वाले सब होते हैं शिक्षक जिन्दगी को समझाने वाले शिक्षक कल -कल बहती नदिया चलते रहना सिखाती सखियाँ पत्थरों से टकराते झरने सिखाते गिर कर उठने ऊपर फैला विस्तीर्ण आकाश कहता ऊँचे उठो, भर लो मन में उजास ऊँचे कठोर पर्वत बनाते संकल्प मजबूत यह विशाल धरती सँभाले है जगती लहराती कोमल पत्तियाँ आशाओं की जगाती लहरियाँ शिक्षा का अनुदान सर्वत्र फैला है निधान प्रकृति अखिल शिक्षक है जीवन सदा नत मस्तक है। परिचय :- डॉ. कोशी सिन्हा पूरा नाम : डॉ. कौशलेश कुमारी सिन्हा निवासी : अलीगंज लखनऊ शिक्षा : एम.ए.,पी एच डी, बी.एड., स्नातक कक्षा और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में अध्यापन साहित्य सेवा : दूरदर्शन एवं आकाशवाणी में काव्य पाठ...
मैं शिक्षक हूं
कविता

मैं शिक्षक हूं

गीता देवी औरैया (उत्तर प्रदेश) ************* मैं शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ, नई पीढ़ी को सजाता हूँ। भरूँ मैं ज्ञान का सागर, नई गागर बनाता हूं।। बनाऊँ देश का भविष्य, मैं अनुभव पढ़ाता हूँ। रहेगी दूर अब हर बुराई, मैं नेक इंसान बनाता हूँ।। पढ़े मेरे देश के बच्चे, यही स्वप्न सजाता हूँ। करें हर क्षेत्र में नाम, ऐसा पथ दिखाता हूँ।। ना हो विचलित उनका, लक्ष्य मैं अर्जुन बनाता हूं बनूँ में स्वयं द्रोणाचार्य, मैं कर्तव्य सिखाता हूँ।। चलूँ साथ साथ हर कदम, छात्र के डर को भगाता हूं । उलझन हो अगर जीवन में, तो उसको सुलझाता हूँ।। आए जो रास्ते में जो शूल, उन्हें में फूल बनाता हूं। मेरे छात्रों के पग में न, चुभे कंकड़ हटाता हूँ।। चाहे हो गर्मी या वर्षा, सभी की मार सहता हूँ। करें आज्ञा मेरा विभाग, मैं वह काम करता हूं।। मैं शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ, छात्र के म...
शिक्षक क्या है?
कविता

शिक्षक क्या है?

गाज़ी आचार्य 'गाज़ी' मेरठ (उत्तर प्रदेश) ******************** शिक्षक निराकार है शिक्षक का नाम संस्कार है शिक्षक फ़ज़ल है शिक्षक कोरे कागज़ को ज्ञान रूपी शब्दो से सवारनें वाली एक कलम है शिक्षक जीवन की उम्मीद अच्छे भविष्य की आस है शिक्षक चिराग है शिक्षक संगतराश है शिक्षक जलते दिये की लॉ जीवन को उज्ज्वल करती मशाल है शिक्षक अदब की पहचान है शिक्षक कोई इन्सान नहीं इन्सान रूपी भगवान है परिचय :- गाज़ी आचार्य 'गाज़ी' निवासी : मेरठ (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी...
राष्ट्र निर्माता
कविता

राष्ट्र निर्माता

महेन्द्र सिंह कटारिया 'विजेता' सीकर, (राजस्थान) ******************** शिक्षक होता शीतल नीर समान। देता हमें जीवन जीने का ज्ञान । कैसे? करें हम उसकी महिमा बखान। माँ के बाद जग में दर्जा सबसे महान। सही राह पर चलना सीखाता। शिष्यों को लोहे से स्वर्ण बनाता। सकारात्मक नजरिया अपनाता। ज्ञान आभा से अस्तित्व चमकाता। नित चहरे पर रहती मुस्कान। शिक्षक होता शीतल नीर....। निस्वार्थ भाव से सेवा करता। कर्तव्यपरायणता से फ़र्ज़ निभाता। कार्य चाहे सीधा हो या जटिल जैसा। आदर्श छवि का इनका पेशा। पाता जग में सदा गौरव मान। शिक्षक होता शीतल नीर.....। राष्ट्र निर्माता ज्ञान प्रदाता। अंतर्मन में उजियारा लाता। अनुशासन की अलख जगाता। गुरु शिष्यों का भाग्य विधाता। हृदयपट से करें उनका सम्मान। शिक्षक होता शीतल नीर....। परिचय :- महेन्द्र सिंह कटारिया 'विजेता' निवासी : सीकर, (राजस्थान) घोषणा पत्...
शिक्षक
कविता

शिक्षक

संध्या नेमा बालाघाट (मध्य प्रदेश) ******************** उन शिक्षको मैं प्रणाम करती हूं उन शिक्षकों में शुक्रिया करती हूं जिन्होंने जीवन का मार्गदर्शन करवाया दीपक की तरह जीवन को रोशन बनाया संसार रूपी दुनिया से कुछ ऐसे रूबरू कराया जैसे नादान परिंदो को उड़ान भरना सिखाया कभी नारियल तो कभी फूल जैसा समझाया आत्मबल स्वाभिमान के साथ जीना सिखाया किताबी ज्ञान एवं अनुभव का पाठ पढ़ाया हर मुसीबत से निकालने का मार्ग बताया उस शिक्षक को कैसे भूल जाऊं जिससे मुझे हर पल जीना सिखाया परिचय : संध्या नेमा निवासी : बालाघाट (मध्य प्रदेश) घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मं...
अनुभव ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक
कविता

अनुभव ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक

नंदिता माजी शर्मा मुंबई, (महाराष्ट्र) ******************** शिक्षक की है परिभाषा अनेक, एक शिक्षक अनुभव में भी देख, स्कूलो में पढ़ते हैं पठन-पाठन, कालेज में दिखता प्रत्यक्ष उदाहरण, किताबों ज्ञानसे अलंकृत होता मन, असल शिक्षा तो देती है यह जीवन, ज्ञान का भी है खेल, अजब निराला, अज्ञानी यहां जपते हैं, ज्ञान की माला, असफलताएं देती है बहुमूल्य अनुभव, संघर्ष है सफलता का स्वर्णिम सौरभ, आजीवन यह अनुभव रहता है संग, निरंतर प्रयत्नों से ही जीत जाते है जंग, जीवन के कठिनाईयां होती है, असल समीक्षक, अनुभव ही होता है, हमारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक। परिचय :- नंदिता माजी शर्मा सम्प्रति : प्रोपराइटर- कर्मा लाजिस्टिक्स निवासी : मुंबई, (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपन...
मैं एक शिक्षक हूं
कविता

मैं एक शिक्षक हूं

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया भोपाल (मध्यप्रदेश) ******************** आज मैं एक शिक्षक हूं । शिक्षा देने का दायित्व है । मुझ पर मैं अपने । दायित्व का निर्वाह । पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा से । कर रही हूं । मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं । मुझे शिक्षक होने पर । बहुत गर्व है,ईश्वर ने मुझे विद्यार्थियों का जीवन । संवारने का अवसर । प्रदान किया । मेरे शिक्षक बनने के पीछे । मुझे ज्ञान प्रदान करने वाले । समस्त शिक्षकों को मैं शत-शत। नमन करती हूं,जिन्होंने मेरे । जीवन में ज्ञान का प्रकाश भर । मुझे शिक्षक पद योग्य बनाया । शिक्षक से बचपन में डांट भी । खाई अब समझ आया। मेरे शिक्षक मुझे और मेरे जीवन । गढ़ने का भरपूर प्रयास करते थे । मेरे जीवन में आए समस्त शिक्षकों का। मैं हृदय तल से बहुत-बहुत आभारी हूं । मेरे शिक्षकों की निस्वार्थ । ज्ञान भरने का परिणाम । मेरे सम्मुख है...
गुरु
कविता

गुरु

डॉ. सत्यनारायण चौधरी "सत्या" जयपुर, (राजस्थान) ******************** शिक्षक वह जो करें मार्ग प्रशस्त। जिसके सीख से अज्ञान हो अस्त। जीवन को मिलता नव संगीत। वही सद्चरित और उन्नति का मीत। गुरु ही तो होता है खेवनहार। वही पार लगाए अपनी पतवार। गुरु दीये सा खुद ही जलता। खुद जलकर अँधियारा हरता। गुरु का ज्ञान मिले जो हम को। सफल बना दे जीवन को। गुरु ही मिलाये गोविंद को। कर दो न्यौछावर तन मन को। जिससे सीख मिले वह शिक्षक। वही हमारा है जीवन रक्षक। कोरे कागद का वह चित्रकार। वही गीली मिट्टी का कुम्भकार। गुरु संदीपन की कृपा से कान्हा से श्रीकृष्ण कहलाये। गुरु वशिष्ठ की शिक्षा पाकर, भगवान राम भी मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाये। जो है हमारा पथप्रदर्शक। वही गुरु है, वही है शिक्षक। गुरु की महिमा का न कोई पार। उसके बिन अधूरा जीवन संसार। गुरु की गरिमा के आगे, मैं लघु मानव क्या-क्या ...