पहली बारिश
रमेश चौधरी
पाली (राजस्थान)
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यह पहली बारिश
नया जोश नई उम्मीद लाई है।
बारिश की बूंदों से
टपकता हुआ वह मोती
मानो एक नई उम्मीद लाई है।
यह पहली बारिश
नया जोश नई उम्मीद लाई है।
गावों की मिट्टी महक उठी है,
शहरों की गलियां चहक उठी है,
बच्चो के चेहरे खिल उठे है।
यह पहली बारिश
नया जोश नई उम्मीद लाई है।
बूंदों के ऊपर बूंदे
इस कदर समा रही है,
मानो दरिया बना रही हो।
यह पहली बारिश
नया जोश नई उम्मीद लाई है।
अन्नदाता पेनी नजरो से
इस कदर मुझे ताक रहा है,
मानो मैने उससे
बेवफ़ाई की हो।
यह पहली बारिश
नया जोश नई उम्मीद लाई है।
कोयल मधुर गीत से
कर रही है मेरा आलीगन,
मोर नाच कर
कर रहा है मेरा स्वागत।
यह पहली बारिश
नया जोश नई उम्मीद लाई है।
परिचय :- रमेश चौधरी
निवासी - पाली राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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