सावन आयो रे
श्रीमती शोभारानी तिवारी
इंदौर म.प्र.
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सावन आयो रे, सावन आयो रे,
उमड़ घुमड़ कर आई बदरिया,
आसमान में छाई बदरिया,
चम-चम चम-चम बिजुरिया चमके,
तन-मन को हर्षाए बदरिया,
पशु-पक्षी नर-नारी सभी की,
प्यास बुझायो रे, सावन आयो रे।
छम-छम-छम पानी की बूंदे,
घुंघरू की तान सुनाएं,
पुरवइया के मस्त झकोरे,
कानों में बंसी बजाए,
भर गए सारे ताल-तलैया,
बच्चे कागज की नाव चलाए,
बरखा की ठंडी फुहार,
तन-मन को हर्षाए,
रंग उमंग और मस्ती के संग,
गीत मल्हार गायो रे, सावन आयो रे।
इठलाती बरखा की बूंदे,
जब धरती पर आती है,
महक जाती है, सौंधी खुशबू से,
हरियाली छा जाती है,
कल-कल स्वर में बहती नदियां,
मधुर संगीत सुनाती है,
हरित वर्णों में लिपटी वसुंधरा,
दुल्हन सी शर्माती है,
वृक्ष लताएं झूम-झूम आनंद मनायो रे,
सावन आयो रे, सावन आयो रे।
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परिचय :- श्रीमती शोभारानी तिवारी
पति - श्री ओम प्रकाश तिवारी
जन्...























