सुपावन बेला
डॉ. कोशी सिन्हा
अलीगंज (लखनऊ)
********************
सुपावन बेला अमावस की,
यामिनी का दीप श्रृंगार
रूप अनूठा आज धरा का,
अनुपम छवि नयन भर निहार ।।१।।
माँ लक्ष्मी कमलासन बैठी,
विराजे आकर के गणेश
अन्न व धन बरसाने वाली,
गणपति बुद्धि देते अपार।।२।।
नमामि बिष्णु पत्नी भवानी,
करो कल्याण अखिल जग का
खड़े हैं दीपमाला लेकर,
विनय करते हैं बार -बार।।३।।
ज्योति अपनी छिटकाओ माँ,
कलुष क्लेश रह न जाये माँ
दया करो हे गणपति तुम भी,
दो हमें बुद्धि का भंडार।।४।।
हर कोना प्रकाशित हो यहाँ,
हर चेहरे हों खिले खिले
विवश बेचारा न हो कोई,
खुशियाँ आयें पंख पसार ।।५।।
परिचय :- डॉ. कोशी सिन्हा
पूरा नाम : डॉ. कौशलेश कुमारी सिन्हा
निवासी : अलीगंज लखनऊ
शिक्षा : एम.ए.,पी एच डी, बी.एड., स्नातक कक्षा और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में अध्यापन
साहित्य सेवा : दूरदर्शन एवं आकाशवाणी में काव्य ...





















