नियोजित शिक्षक
कंचन प्रभा
दरभंगा (बिहार)
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आज शिक्षक की क्या
हालत हो गई है।
सभी विद्यालय जैसे आज
अदालत हो गई है।
हर छोटी मछली बड़ी मछली का
शिकार बन रही है।
शिक्षा देना बच्चों को सरकारी
व्यापार बन रही है।
नेता भी लगे हैं अपनी
उल्लु सीधा करने में।
चापलूसों की क्या कहे भला हम
जो लगे हैं जेबी भरने में।
घर परिवार की ना सोचें और
उजड़े उपवन बनते हैं।
इनमें भी है खुब खराबी
अब क्या क्या मैं बयाँ करुँ?
काम है चने चबाना
फिर क्यों ना मैं उनका सम्मान करूँ?
हे भगवान तुझे ही क्या कभी
इनसे कुछ दुश्मनी हुई थी?
क्या तेरा नेताओं से
भर भर घुटने बनी हुई थी?
हर क्षेत्र में हर कार्य में
अधिकारी निकाले इनका फरमान।
फिर आज क्यों आज जमाने में
मिलता नहीं इनको सम्मान।
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परिचय :- कंचन प्रभा
निवासी - लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार
सम्मान - हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी ...