ना निराश हो
रामेश्वर दास भांन
करनाल (हरियाणा)
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ख़ुश नहीं हो आजकल, क्या बात है
मुझ से निराश हो, क्या यही जज़्बात हैं,
हम ने तो दे दिया है, ये दिल अब तुम्हें,
तुम ही बताओ, फिर दिल क्यों निराश है,
रहते हैं तेरे प्यार में, हम तो मशगूल यहाँ,
तुम भी संग चलो मेरे, यहीं ख्यालात हैं,
रहकर भी दूर तुम से, है वफ़ा हमें वहीं,
जान जाओ अब, मेरे दिल का यही हाल है,
ना नाराज रहो हम से, हम हैं तुम्हारे,
मिल कर तो देख लो, हमारी वहीं बात है,
इश्क लगाया है, सिर्फ तुम से ही मैंने,
मेरा तो अब दिल, तुम से ही गुलज़ार है,
ना निराश हो कभी, जीवन में अपने तुम,
जब तक है जिंदा हम, निराशा की क्या बात है,
परिचय :- रामेश्वर दास भांन
निवासी : करनाल (हरियाणा)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अ...






















