आप गुजरे जिस गली से
सरला मेहता
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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डा र डा डा डा र डा डा
डा र डा डा डा र डा
२१२२ २१२२ २१२२ २१२
आप गुजरे जिस गली से
महफ़िलें गुलज़ार हैं
चाँदनी बिखरे ज़मीं पे
खुशनुमा अहसास है
ये फ़िज़ाएँ गा रही हैं
बानगी तारे दिखाते
हर तऱफ छाया सुकूँ है
रहनुमा भगवान हैं
तू कदम रख दे जहाँ पर
फूल खिलकर महकते हैं
तू सभी का चहेता है
दिलरुबा का मान है
आज मेरे आँगना में
माँडने की शान छाई
दीप जोया साँझ आई
शुभ घड़ी की शान है
परिचय : सरला मेहता
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, ल...

























