माधव ने मन मोह लिया
अवनीश सूर्य
हर्नियाखेड़ी, महू (मध्यप्रदेश)
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सवैया छंद
माधव ने मन मोह लिया पर
माधव के मन भा गयी राधा।
माधव वेणु बजात रहे
यमुना तक दौड़ लगा गयी राधा।
माधव की रज शीश लगा कर
माधव में ही समा गयी राधा,
माधव ही जगपालक हैं अरु
माधव नाम बना गयी राधा।
परिचय :- अवनीश सूर्य
स्थाई निवासी : बारापत्थर, सिवनी, (मध्यप्रदेश)
वर्तमान निवासी : हर्नियाखेड़ी, महू, इंदौर (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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