आज तीज है तुम्हारा
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रचयिता : शशांक शेखर
अच्छा आज तीज है तुम्हारा
निर्जल उपवास रखोगी
मेरी लम्बी उम्र के लिए
तो इसके बदले उपहार चाहिए तुम्हें
व्रत के बहाने मेरी जेब ढीली चाहिए तुम्हें
उपहार में सदमा दूँ तुम्हें
हृदय को बेधड़क कर दूँ तुम्हारी
चलो रहने दो
तुम्हारे पापा को हृदय रोग है
कहीं अनुवंशिकता हुयी
और कुछ हो गया तुम्हें
तब तो मेरे बुढ़ापे की
शाम अधूरी रह जाएगी
क्या करूँ बहुत पेट में दर्द हो रहा है
इच्छा हो रही है बता ही दूँ तुम्हें
अपने पेट का दर्द कम कर ही लूँ
अच्छा सदमे की तरह नहीं
कहानी की तरह सुनाता हूँ तुम्हें
एक बात बतानी है
हौले से बता ही देता हूँ तुम्हें
तुम्हें याद हैं चलचित्र निर्माता यश चोपड़ा
जिनकी कई अनमोल कृतियाँ हैं
सिलसिला अभिमान और ना जाने कितनी
उनमें से एक है दिलवाले दुल्हनियाँ ले जाएँगे भी है
हमारे किशोरावस्था के चलचित्र
यूँ तो हम हम हैं
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