हम राजस्थानी
इंद्रजीत सिहाग गोरखाना
नोहर (राजस्थान)
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हम सबसे सच्चे सबसे अच्छे वो राजस्थानी हैं,
हम गोगानवमी को गोगामेड़ी में जाकर बजाते टन्नी हैं।
हम देवनारायण जी की फड़ सबसे लम्बी बताते हैं,
हम पाबूजी की फड़ सबसे छोटी पढ़ाते हैं।
हम रामदेव जी के रामदेवरा में धोक लगातें हैं,
हम उस तेजाजी की लीलण सी धूम मचाते हैं।
हम करणी माता के वो सफेद काबा कहलाते हैं ,
हम जीण माता का सबसे लम्बा गीत गाते हैं।
हम शीतला माता के बास्योङा का भोग लगाते हैं,
हम उस सुगाली माता के वंशज हैं जिसको क्रांति का योग बताते हैं।
हम उस खाटूश्याम के सेवक हैं जो शिश के दानी हैं,
हम सबसे सच्चे सबसे अच्छे वो राजस्थानी हैं।
हम उस हल्दी घाटी की मिट्टी से तिलक सजाते हैं,
हम दुश्मन को सूरजमल सी झलक दिखलाते हैं।
हम राव जोधा के जोधपुर को बसाने वाले हैं,
हम सबको पुष्कर झील दिखाने वाले हैं।
हम ...