पर्व प्रकाश
मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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झिलमिल-झिलमिल
प्रकाश के पर्व पर
जन-जन को हो बधाई।
शुभकामना मेरी पहुंचे
घर आंगन अमराई।
शुभ संकेत स्वस्तिक निकले
हर घर के आंगन में
शुभ-लाभ का जोड़ा रचे
हर घर की दीवारों में
यही कामना मेरी हरदम
आंगन-आंगन चंदन रोली।।
नव वधु दीप थाल सजाए
दीप ज्योति से भर जाए आंगन।
बहना सजे, सजेें घर सारा
और सजे मिताई
रुनझुन, रुनझुन
बाजे पैजनिया।।
और बजे शहनाई।।
शुभकामना मेरी पहुंचे
घर आंगन अमराई।
परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ीआप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही ...