रंगों की बहार आई
सरला मेहता
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मनहरण घनाक्षरी
रंगों की बहार आई,
खुशियाँ हज़ार लाई,
तन मन भीग रहा,
फाग सब गाइए।
भूल कर द्वेष भाव,
याद रखना सद्भाव,
सब अच्छे सब अच्छा,
शत्रुता बिसारिए।
पर्यावरण प्रियता,
प्रकृति संरक्षणता,
सूखे सरस रंगों से,
उत्सव मनाइए।
राम की मर्यादा रहे,
कर्मवीर सारे बने,
प्रहलाद की रक्षा हो,
होलिका जलाइए।
परिचय : सरला मेहता
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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