गुरु चालीसा
डाॅ. दशरथ मसानिया
आगर मालवा म.प्र.
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नमन करो गुरुदेव को, धर चरणों में ध्यान।
ज्ञान दान के कुंभ में, सभी करें अस्नान।।
जय जय जय गुरुदेव हमारे।
हम आए हैं शरण तिहारे।।१
तुमसा कौन जगत में दानी।
सादा जीवन मीठी वाणी।।२
गुरु बिन ज्ञान मिले ना भाई।
चाहे लाख करो चतुराई।।३
मंत्री संत्री सभी गुरु से।
यह परिपाटी रही शुरू से।।४
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु कहाये।
गुरु को शिव में हमने पाये।।५
गुरु ज्ञानी गुरु जग निर्माता।
गुरू हमारे भाग्य विधाता।।६
गुरु ज्ञान की खानहि जानो।
गुरु सम मात पिता को मानो।।७
गुरु नानक गुरु गोरख अपने।
शंका मन में करो न सपने।।८
शिष को जीते प्रभु सुमरते।
धन्य सभी को वे ही करते।।९
गुरुहि गोविंद तक पहुंचाये।
अंधकार को दूर भगाये।।१०
जिसने गुरु से लगन लगाई।
नर से नारायण पद पाई।।११
सद्गुरु आये दर्शन पाये।
कमल नैन देखत खिल जायें।।१२
मीरा ने रैदास हि पाया।
रा...