सूत्रधार
सुरेखा सुनील दत्त शर्मा
बेगम बाग (मेरठ)
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हमारी आंखों में तुम,
हमारे सपनों में तुम,
कजरे की धार में तुम,
मेरे माथे की बिंदिया में तुम,
मांग का सिंदूर हो तुम,
और तुम ही से हैं हम,
वो और कोई नहीं,
प्रियतम तुम ही तो हो,
हमारे कंगन हो तुम,
हमारे बिछूएं हो तुम,
हमारा सोलह सिंगार हो तुम..,.
हमारे दिल की धड़कन में तुम,
हमारी सांसों में तुम,
हमारे दिल की आरजू हो तुम,
हमारी सौगातो का खजाना हो तुम,
मेरी चाहत हो तुम,
मेरी इबादत हो तुम,
मेरी आहट हो तुम,
मेरी परछाई हो तुम,
सातों जन्म में,
कदम से कदम मिलाकर,
चलने वाले, मेरी हमसफर हो तुम...
और कोई नहीं
मेरे जीवन के
सूत्रधार हो तुम....!!
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परिचय :- सुरेखा "सुनील "दत्त शर्मा
जन्मतिथि : ३१ अगस्त
जन्म स्थान : मथुरा
निवासी : बेगम बाग मेरठ
साहित्य लेखन विधाएं : स्वतंत्र लेखन, कहानी, कविता, शायरी, उपन्यास
प्रकाशित साहित्य : जिनमें कहा...