ये दिल सुनता जा
डाॅ. रेश्मा पाटील
निपाणी, बेलगम (कर्नाटक)
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तू तो पहले ही
कदम मे डगमगा
गया ये दिल
मंजिल का रास्ता तो
सम॔दरे आतिश से जाता है
तू ने की है
मोहब्बत जिससे
उसकी तमन्ना तो
सारा जहाँ करता है
पाने की उसे लगन
है तुझे तो, तू
जान ले तेरी हर
घडी आजमाइश है
जिस शय की
आरजू सै तुझे ये दिल
वो शय तो बडी अनमोल है
तू क्या मोल
दे पायेगा उसका,
की वहा सारे जहाँ की
दौलत बेमोल है
सच्चे प्यार के
दो आंसुओं मेे,
तुलता है परमात्मा
क्या वो तुलसी दल
तू उसे दे पायेगा
जीवात्मा
तेरी तो हर
बात झूठी है
प्यार झूठा,
नफरत भी झूठी है
इकरार झूठा और
इन्कार भी झूठा है
बता ये दिल आखिर
तू दुनिया मे क्यों टूटा है
जो आस तूने लगायी
इन्सा के फितरत से
दगा तो तुझे मिलना ही था,
तेरे अपने कर्मों से
किसी शक्स को अपना
प्यार कैसे कहा तूने ये दिल
तेरा प्यार तो कोई और है
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