आज की हनुमत कृपा
प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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"राम" की पग धूल को,
मस्तक लगा चंदन बनेगा।
पायेगा हनुमत्कृपा और,
शीघ्र ही कंचन बनेगा।
राम की पग धूल...
राम ने सृष्टि रची,
और वो ही इसको पालता है।
जिसमे हो आशक्ति जिसकी,
उसमे उसको ढालता है।
कर्म में है स्वतंत्र तू,
प्रभु में रमा तो रतन बनेगा।
राम की पग धूल...
भक्त हनुमत सबको ही हैं,
" राम नाम" का मंत्र देते।
आस्था दृढ़ होती उनकी,
जो है इसको मान लेते।
डूब जा सुमिरन में तो तू,
भक्ति पथ पर बढ़ चलेगा।
राम की पग धूल...
भूत को तू भूलकरके,
नाम गंगा में नहा ले।
वो तो है करुणा का सागर,
तू भी उसकी कृपा पा ले।
नाम सांसो में रमा पाया,
तो मुक्ति रथ चढ़ेगा।
"राम" की पग धूल...
परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
आप...