मेरे कान्हा जी
राजीव डोगरा "विमल"
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
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मुझे अपना मीत बनाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी सखियों के संग रिझाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी रासिको का रास सिखाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी प्रेम की अनुभूति करवाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी माखन चुराना सिखाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी निर्गुण से सगुण का भेद समझाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी रणक्षेत्र का अर्जुन बनाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझे भी गीता का ज्ञान करवाओ
मेरे कान्हा जी,
मुझमें भी भक्ति का भाव जगाओ
मेरे कान्हा जी,
परिचय :- राजीव डोगरा "विमल"
निवासी - कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
सम्प्रति - भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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