Monday, May 20राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

होली का रंग

निरुपमा मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
********************

सोनू रंग भरी लंबी पिचकारी लिए घर के बाहर अकेला उतावला होकर खड़ा प्रतीक्षा कर रहा था कि कोई दोस्त या जान-पहचान वाला पास से निकले तो वह उन्हें रंग दे। उसी समय एक बुजुर्ग अंकल को आते देख उसने अपनी पिचकारी नीचे कर दी। अंकल ने प्यार से पूछा, “क्यों बेटा, अभी तक तुमने किसी के साथ रंग नहीं खेला?”
“नहीं अंकल”, सोनू ने मासूमियत से सिर को हिला दिया।
“आओ बेटे, मेरे ऊपर रंग डाल दो,” अंकल ने पुचकार कर कहा।
“नहीं अंकल, मैं आपको जानता नहीं हूं, आपके ऊपर रंग डालूंगा तो आप बुरा मान जाएंगे,” सोनू बोलकर दुविधा में पड़ गया।
उसे परेशान देखकर अंकल बोले, “बेटा, होली है, आज कोई अजनबी नहीं होता है, तुम मेरे ऊपर जी भरकर रंग डाल दो।”
सोनू ने खुश होकर, पिचकारी को तानकर अंकल के साफ कपड़ों को रंग से सराबोर कर दिया। अंकल सोनू के सिर पर आशीर्वाद का हाथ रखकर हंसते हुए आगे बढ़ गए। वे सोच रहे थे कि यह मासूम बच्चा क्या जाने कि होली का रंग सिर्फ रंग होता है जो प्रेम का प्रतीक बन परिचित और अपरिचित का भेद मिटा देता है।

परिचय :- निरुपमा मेहरोत्रा
जन्म तिथि : २६ अगस्त १९५३ (कानपुर)
निवासी : जानकीपुरम लखनऊ
शिक्षा : बी.एस.सी. (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)
साहित्यिक यात्रा : दो कहानी संग्रह प्रकाशित। अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था द्वारा प्रति वर्ष प्रकाशित कहानी संकलनों में कहानियां प्रकाशित। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, कविता, यात्रा वृत्तांत तथा लेख प्रकाशित। श्री ईशोपनिषद तथा श्री केनोपनिषद की सरल काव्य प्रस्तुति।
सम्प्रति : भारतीय स्टेट बैंक से सन् २०१३ में सेवानिवृत्ति के पश्चात स्वतंत्र लेखन एवं सामाजिक संस्था ‘श्री महिला शक्ति मंडल फाउंडेशन लखनऊ’ के माध्यम से सामाजिक सरोकारों से जुड़ाव।
सम्मान : लोपामुद्रा सम्मान- २०१८
घोषणा पत्र : यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *