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जिंदगी के लम्हें

मईनुदीन कोहरी
बीकानेर (राजस्थान)

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जिंदगी भी कितनी खूब सूरत है ।
जिंदगी के हर लम्हें को पहचान ।।

जिंदगी तो मिली है जीने के लिए ।
जिओ ऐसे की पूरे हो सब अरमान ।।

जिंदगी जीने से पहले करें एहतराम।
जिंदगी जीने की अहमियत को जान।।

जिंदगी जिओ, जिंदा दिली से जिओ ।
फक्र करे दुनियाँ जिंदगी की पहचान ।।

सर उठाके जीना भी असल जीना है ।
नज़ीर बन जाए जिंदगी की आन-शान।।

अपने लिए जिंदगी जिए तो क्या जिए ।
ग़ैरों की हिफाज़त कर मुठियों को तान ।।

खुशी-गम भी जिंदगी के उतार-चढ़ाव हैं ।
जिंदगी के लम्हे-लम्हें से मिलता है ज्ञान ।।

जिंदगी का हसीन तौहफा जिसने दिया है ।
दो घड़ी तो “नाचीज़” उसका लगाले ध्यान।।

परिचय : मईनुदीन कोहरी
उपनाम : नाचीज बीकानेरी
निवासी – बीकानेर राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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