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ऐ मेरी कलम

शिव चौहान शिव
रतलाम (मध्यप्रदेश)
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ऐ मेरी कलम, तू क्रांति लिख
धरा की शोणित माटी लिख
वीरों की आन-बान-शान लिख
विप्लव गान लिख
शौर्य का गुणगान लिख
हिंद की शक्ति/पहचान लिख
कुछ नहीं तू बस इतना लिख
जो दे गए अपनी जाने-वतन
उनकी कुर्बानी लिख
जिंदगानी की अमर कहानी लिख
बेवाओ के माथे का सिंदूर/अंगार लिख
बहिनों की राखी का डोर लिख
माँ के दूध का कर्ज़ लिख
बाप के अरमां/फर्ज़ लिख
बेटी का रूदन पुकार लिख
बेटे के अश्रु की धार लिख
भाई का मनोबल लिख
परिवार का संबल लिख
पुष्प की अभिलाषा लिख
शहिदों की परिभाषा लिख
ऐ मेरी कलम तू क्रांति लिख……

परिचय :-  शिव चौहान शिव
निवासी : रतलाम (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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