जिंदगी का सफर
आनंद कुमार पांडेय
बलिया (उत्तर प्रदेश)
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जिंदगी का सफर यूं बदल जाएगा,
मैं न सोचा ये मौका निकल जाएगा।
रंजिशें तोड़ दो छोड़ दो ख्वाहिशें,
क्या पता साथ क्या तेरे कल जाएगा।
जो है किस्मत में मिलकर रहेगा तुम्हें,
दुख का सूरज तुम्हारा भी ढल जाएगा।
कायरों की तरह जी के क्या फायदा,
तेरा जीवन जहां से अटल जाएगा।
डर के कांटो से पीछे न मुड़ना कभी,
वक्त का ये परिंदा चपल जाएगा।
ढलते रजनी हीं आता सवेरा नया,
गिरने वाला भी इक दिन संभल जाएगा।
चंद पल तो तु आनंद के साथ जी,
तेरे संग ना जुटाया ये दल जाएगा।
परिचय :- आनंद कुमार पांडेय
पिता : स्व. वशिष्ठ मुनि पांडेय
माता : श्रीमती राजकिशोरी देवी
जन्मतिथि : ३०/१०/१९९४
निवासी : जनपद- बलिया (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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