कलम मेरी पहचान
आनंद कुमार पांडेय
बलिया (उत्तर प्रदेश)
********************
हर जंग लड़ा लिखते-लिखते,
सत्कर्म हीं एक इरादा है।
हम कलम के वीर सिपाही हैं,
ये है अपना ऐलान।
है कलम मेरी पहचान...२
इतिहास गवाह हमारा है,
दुश्मन को भी ललकारा है।
बस मुद्दों की हीं लड़ाई है,
बेतुक न मेरी धारा है।
हम होते नहीं हैरान।
है कलम मेरी पहचान...२
हम पड़ते नहीं प्रपंचों में,
नित शब्द समागम करते हैं।
हर जगह तुरत छा जाते हम,
बस शांति प्रेम रस ढरते हैं।
मुझमे है शक्ति तमाम।
है कलम मेरी पहचान...२
अनमोल मिलन होता अपना,
सब देख चकित रह जाते हैं।
सबकी बोली थम जाती है,
जब शब्द हमारे आते हैं।
हो कार्य मेरा अविराम।
है कलम मेरी पहचान...२
न जाति धर्म का भेद-भाव,
सबसे मेरा गहरा लगाव।
आनंदित हो "आनंद" कलम,
है दिखलाती अपना प्रभाव।
हुई कलम आज वरदान।
है कलम मेरी पहचान...२
परिचय :- आनंद कुमार पांडेय
पि...