सूरज न अभिमान दिखाता
डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)
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हाथी ही पहाड़ के नीचे नही आता
दिनपति भी बादलों में छुप जाता है
रवि को जब ढक लेते हैं मेघा
तो वह भी अपनी सीमा जान जाता है
तभी तो रवि गर्व नहीं करता
उसे अहंकार नही ढक पाता
आओ मानव मुझे मनाओ
कह, वह सिर न उठाता।
सूर्य ऊर्जा, प्रकाश का दाता
सारे जग का जीवन दाता
उस बिन अस्तित्व नही जग का
फिर भी न अभिमान दिखाता।
जल, वायु सबको देता सबका मान
सम दृष्टि से सबका करता सम्मान
नही कभी एहसान जताता
हर कण पर पूरा प्यार लुटाता।
इस गुण से ही दिनकर
पाता सबमें सम्मान
नही कोई बैरी उसका
ब्रह्मंड में सर्वोच्च स्थान।
बच्चों तुम सूरज बन जाओ।
परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज...