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Tag: प्रेम नारायण मेहरोत्रा

विनती हनुमान जी से
स्तुति

विनती हनुमान जी से

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मेरे हनुमान जी है तुमसे विनती मेरी, शक्ति मोदी की हरदम बढ़ाते चलो जो हैं हिंदू मगर हैं विमुख देश से, उनको निज कर्मों का फल चखाते चलो मेरे हनुमान जी... मोदी सनातनी हैं, और राम भक्त हैं वो हैं शिव जैसे फक्कड़, न आसक्त हैं उनकी निष्काम सेवा को आशीष दे, जग को मोदी ही मोदी रटाते चलो। मेरे हनुमान जी... आज दुश्मन सब थर्राएं इनके नाम से हैं खड़े सीना तानें दुनिया के सामने अब बजा है बिगुल आर्थिक तेज़ी का इस प्रगति पथ पर भारत चलाते रहो मेरे हनुमान जी... मोदी परिवार मानें, अखिल राष्ट्र को, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, प्रिय आपको सबका परिवार सुख से रहे देश में, ऐसी अपनी कृपा को बरसाते चलो मेरे हनुमान जी... भ्रष्ट और भ्रष्टतम उनके पीछे पड़े उनको पथ से हटाने पर हैं सब अड़े आज भारत को उनकी ज़रूरत बड़ी,...
हनुमत ऐसा भाव बहा दो
भजन

हनुमत ऐसा भाव बहा दो

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** हनुमत ऐसा भाव बहा दो, जिससे सुंदर गीत बन सकें। पूर्ण समर्पित हो मन तुमको, और भक्ति रसधार बह सके। हनुमत ऐसा भाव ... तुमने जिस पर कृपा दृष्टि की, उसका ही उद्धार हो गया। जिसको स्वामी से मिलवाया, वो ही भव से पार हो गया। मुझको मार्ग दिखाते रहना, जिससे सेवक धर्म निभ सके। हनुमत ऐसा भाव ... तुमने प्रभु राम से अपने, राजा की संधी करवाई। अभय दान दिलवा राजा को, बाली को मुक्ति दिलवाई। राम काज को भूला राजा, नीति बताई, प्राण बच सके। हनुमत ऐसा भाव ... तेरे संत हृदय ने दंभी, रावण को सद्ज्ञान था दिया। पर निज अहंकार के कारण, उसने इसका मान ना किया। रावण ने कुल नाश कराया, प्रभु हाथों से मुक्ति मिल सके। हनुमत ऐसा भाव ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रम...
राम नाम महिमा
भजन

राम नाम महिमा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** राम का नाम मुक्ति का साधन सरल, शक्ति दो नाम लेखन बढ़ाता चलूं। ऐसी गंगा बहा दो हृदय में प्रभु, आखिरी सांस तक नाम सुमिरन करूं। राम का नाम मुक्ति.......... नाम महिमा अकल्पित, असीमित है प्रभु, ज्ञान अनुरूप महिमा को गाता रहूं। भाव मां दे रही, शक्ति हनुमत ने दी, मैं तो बस लेखिनी को चलाता रहूं। राम का नाम मुक्ति........... बहुत संतो ने महिमा सुनाई सदा, पर नहीं कोई संपूर्ण को गा सका। नाम पर शोधकर लोग डॉक्टर बने, पर नहीं कोई भी अंत को पा सका। मुझको हनुमतकृपा राम सेवा मिली, सांस जब तक चले, मैं निभाता रहूं। राम का नाम मुक्ति........ सोते जगते सदा, साथ में नाम हो, कार्य जग के करूं, मन में बस राम हो। नाम के जाम इतने पिला दो हनु, जिसको देखूं उसी में मेरा राम हो। मेरी सांसों में बस नाम चलने लगे, राम ही...
ईश्वर का संदेश
श्लोक

ईश्वर का संदेश

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** रचा है सृष्टि को स्वयं मैने, और मैं ही इसको चला रहा हूं। जो माया में चिपके भूल मुझको, उन्हें मैं प्रतिदिन बुला रहा हूं। रचा है सृष्टि ... दी श्रेष्ठ योनि मनुज को मैने, बुद्धि और विवेक भी दिया। वचन दिया था जपूंगा तुझको, पर इसने वो नहीं है किया। दिया है स्वातंत्र करम का इसको, खुद इसका लेखा बना रहा हूं। रचा है सृष्टि ... मेरी ही माया मे फंस रहे सब, जो कर दिखाया उसे न माना। हैं गाड़ी, बंगला सदा से नश्वर, पर जन्म का ध्येय इसी को माना। न मद में धन, ये डूब जाए, इसी से ठोकर खिला रहा हूं। रचा है सृष्टि ... हर युग में रावण और कंस जन्मे, मिटाया उनको स्वयं ही आकर। रिझा लिया मीरा, सूर, तुलसी, ने मेरी महिमा को लिख और गाकर। अजामिल, गनिका थे घोर पापी, जगे तो मुक्ति दिला रहा हूं। रचा है सृष्टि ... ...
केदारनाथ से विनती
भजन

केदारनाथ से विनती

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मुझे अपने दर पर बुलालो ओ बाबा, दरस को तेरे प्राण अटके हुए है। है माया ने घेरा, तुम्हारी है माया, उसी में है भटके और लटके हुए हैं। मुझे अपने दर... जिन्हें किया प्रेरित, वे पहुंचे तेरे दर, मगर मैं अभागा, पहुंच ही न पाया। दुबारा गए तेरे दर, भक्त काफी, मगर घोर बारिस, ने वापस भगाया। पसीजोगे एक दिन, तड़प पर मेरी तुम, इसी आस डोरी से लटके हुये हैं। मुझे अपने दर... तेरे ग्यारह लिंगों के, दर्शन गए हो, हुए ज्यों ही दर्शन, तो मन शांति पाया। लगा हूँ ,कई वर्षो से पंक्ति तेरी, मगर तुमने मेरे संदेशा, न पाया। किया काठमांडू, में तेरा शिवार्चन, उन्हें भी बताया, कि भटके हुए हैं। मुझे अपने दर... ७८ बरस होगये, मेरे पूरे, बुला लो जन्मदिन, तेरे दर मनाऊं। परम भाग्य जागेगा, मेरा उसी दिन, जिस दिन बाबा तेरे, मैं दर्...
हनुमत्कृपा
स्तुति

हनुमत्कृपा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मुझे कब और क्या करना, मेरे आराध्य बतलाते। जो होता है मेरे हित मे, वही वो मुझसे करवाते। मुझे कब और क्या .... उठाता लेखिनी जब मैं, तो हनुमत भाव देते हैं। भाव होते हैं हनुमत के, तो भावुक गीत बनते है। जो भी होता सृजन अच्छा, उसे हनुमत हैं करवाते। मुझे कब और क्या .... थोड़ी सेवा मिली आराध्य की, ये भी कृपा उनकी। उन्ही की शक्ति से ही चल रही, भक्ति फली सबकी। कभी आते हैं कुछ व्यवधान, उनको वो ही निपटाते। मुझे कब और क्या .... है हनुमत से यही विनती, नहीं सेवा विरत करना। कभी कर्ता का आये भाव ना, इतनी कृपा करना। वही करता हूँ मैं सत्कर्म, जो वो मुझसे करवाते। मुझे कब और क्या .... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित ...
हनुमत्कृपा
छंद

हनुमत्कृपा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** अगर पाया झुका तू सिर, तो हनुमत रीझ जाएंगे। तेरी भक्ति का फल परिवार, कुल सब लोग पाएंगे। अगर पाया झुका .... बहुत ही सरल है हनुमत, तुझे बस शरण आना है। मिटाकर भाव कर्ता का, निमित बस बनते जा है। तेरी कष्टों से रक्षा कर, लाज अपनी बचाएंगे। अगर पाया झुका ... विभीषण ने किया सहयोग, तो स्वामी से मिलवाया। ज्यों ही आया शरण मे, तो तुरत लंकेश बनवाया। जो गुण धारण को आतुर हो, उसे खुद सा बनाएंगे। अगर पाया झुका .... समर्पण और सेवा भाव के, पर्याय हैं हनुमत। पकड़ पाए कोई चरणों को, तो हो जाते हैं सहमत। जो भी निष्काम भक्ति, कर सके, मुक्ति दिलाएंगे। अगर पाया झुका ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आ...
राम नवमी
भजन, मुक्तक

राम नवमी

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** प्रभू राम के अवतरण का दिवस है, था उद्देश्य क्या ये जगत को बताओ। प्रभू नाम पावन है गंगा के जल सा, जपो इसको और जग से मुक्ति को पाओ। प्रभु राम के... प्रभू ने मनु को वचन ये दिया था, मैं बन पुत्र आऊंगा घर मे तुम्हारे। धरा को प्रभू ने वचन ये दिया था, हारूँगा तेरा भार राक्षस संघारे। वचन को निभाकर दिया ये संदेसा, वचन जो दिया है उसे तुम निभाओ। प्रभू राम के ... ऋषि श्राप को मान देने के हेतु, रची लीला, सीता हरण थे कराये। विरह में बिलखते फिरे वो बनो में, तो हनुमंत ले जाके स्वामी मिलाये। दिया वचन उसको तेरा दुःख हारूँगा, और तुम खोज सीता को मैत्री निभाओ। प्रभू राम के... प्रभुनाम उच्चार हनुमत गए तो, हरी माँ की पीड़ा, और लंका जलाये। चले रामजी साथ बनार और भालू, थे नल नील लिख "राम" सेतु बनाये। दिए कई अवस...
मातारानी का है आगमन
भजन, स्तुति

मातारानी का है आगमन

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मातारानी का है आगमन हो गया, उनकी महिमा उन्ही को सुनाते चलो। पूरे नौराते माता की महिमा को गा, उनकी करुणा कृपा, नित्य पाते चलो। मातारानी का है... नौ दिनों मेरी मैय्या के नौ रूप है, रहती शीतल सदा, काली में धूप है। वो बुलाती है भक्तों को निज धाम पे, तुम भी पग उनके दर को बढ़ाते चलो। मातारानी का है.... मैय्या का भव्य होता है श्रंगार नित, वो बहाती है करुणा को भक्तों के मित। कवि को महिमा बताती, वो लिखते उसे, स्वर के ज्ञाता हो तो, उनको गाते चलो। मातारानी का है... नौ दिनों तक बरसता है, अमृत जहां, भक्त मैय्या की महिमा को गाते जहां। मैय्या मोती लुटाने को आई धारा, तुम भी दर जाके, झोली फैलाते चलो। मातारानी का है ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित...
समय बहुत ही मूल्यवान है
मुक्तक

समय बहुत ही मूल्यवान है

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** समय बहुत ही मूल्यवान है, इसे पकड़ प्रभु सुमिरन करले। "मानस" है जीवन का दर्शन, नित्य प्रातः कुछ इसको पढ़ले। समय बहुत ही........ राम चरित लिखने के मित ही, तुलसीदास का जन्म हुआ था। पर सुन्दर पत्नी पा करके, उन्हें कार्य ये भूल गया था। पर रत्ना ने याद दिलाया, प्रभु चरणों मे प्रीत बढ़ा ले। समय बहुत ही ......... कामुक मन को ठेस लगी तो, प्रभू कृपा से भक्त जग गया। नहीं पलट देखा रत्ना को, प्रभु चरणों की ओर बढ़ गया। हनुमत ने तब याद दिलाया, बाल्मीकि का वचन निभाले। समय बहुत ही ......... मुक्ति हेतु मनाव तन पाया, ये ईश्वर की करुण कृपा है। तरे अजामिल, गणिका से भी, जब उनने प्रभु नाम जपा है। जितनी साँसे शेष बची हैं, उनको प्रभु सुमिरन में लगाले। समय बहुत ही .......... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा नि...
नव सृजन
भजन

नव सृजन

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मानवता की सेवा में लग , तू भी अपना भाग्य जगा ले। ईश्वर है करुणा का सागर, तू भी उसकी करुणा पा ले। मानवता की सेवा......... ईश्वर ने करुणा कर मानव तन, मुक्ति के हेतु दिया है। पर माया के दल दल में, फंसकर हमने दुरपयोग किया है। जो जग माया में उलझेह हैं, उनको तू प्रभु धाम दिखा दे मानवता की.......... जिनको प्रभुका धाम भा गया, प्रभु भक्ति में रम जाएंगे। सुमिरन होने लगा नाम का, तो माया से बच जाएंगे। तीर्थाटन का स्वाद चखने को जीवन उद्देश्य बना ले। मानवता........... जिसको प्रभु सम्पन्न बनाता, वो धन का उपयोग करेगा, नहीं बढ़े पग सन्मार्ग पर, तो धन का दुलयोग करेगा तू सन्मार्ग दिखाकर उसमो, उसके धन को धन्य बना ले। मानवता की........ परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : ...
कान्हा तुमने बुलाया
भजन

कान्हा तुमने बुलाया

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** कान्हा तुमने बुलाया, तो हम आ गये। दरस पाके तेरा, सब मगन हो गए। कान्हा ... तुम बुलाते जिन्हें वे ही आ पाते हैं, शेष माया के दलदल में फंस जाते हैं। तुमने सुमिरन के मित दिया मानव का तन, लाभ उसका नहीं सब उठा पाते हैं कुछ हैं आते स्वयं, बंध के आते हैं कुछ, आये कैसे भी हों, भाग्य तो जग गए। कान्हा तुमने ... यों ही करके कृपा, तुम बुलाते रहो, पूर्ण आस्था से हम, दर पे आते रहें। तुम तो करुणा के मोती, लुटाते सदा, हम भी दर आके झोली फैलाते रहें। जिनने देखी तुम्हारी सलोनी छवि, राह के थे जो कंकण, रतन हो गए। कान्हा तुमने ... तुम दयालु हो, सक्षम हो, दाता भी हो, किसकी क्या चाह है, इसके ज्ञाता भी हो, अपने भक्तों के हर, हित के रक्षक हो तुम, उनके दोषों और पापों, के भक्षक हो तुम। घोर पापी भी तेरी, शरण आ गए, ...
नव सृजन
भजन, स्तुति

नव सृजन

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मानवता की सेवा में लग, तू भी अपना भाग्य जगा ले। ईश्वर है करुणा का सागर, तू भी उसकी करुणा पा ले। मानवता की सेवा... ईश्वर ने करुणा कर मानव तन, मुक्ति के हेतु दिया है। पर माया के दल-दल में, फंसकर हमने दुरपयोग किया है। जो जग माया में उलझे हैं, उनको तू प्रभु धाम दिखा दे मानवता की... जिनको प्रभुका धाम भा गया, प्रभु भक्ति में रम जाएंगे। सुमिरन होने लगा नाम का, तो माया से बच जाएंगे। तीर्थाटन का स्वाद चखाने, को जीवन उद्देश्य बना ले। मानवता की... जिसको प्रभु सम्पन्न बनाता, वो धन का उपयोग करेगा, नहीं बढ़े पग सन्मार्ग पर, तो धन का दुलयोग करेगा तू सन्मार्ग दिखाकर उसको, उसके धन को धन्य बना ले। मानवता की... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करत...
शरणागति
कविता

शरणागति

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** शरणागत हो जा हनुमत की , संकल्प पूर्ण हो जाएंगे। यदि थकने लग गया मध्य तू, वो शक्ति देने आएंगे। शरणागत हो जा......... हैं राम कथा के रसिक बड़े, हर कथा उपस्थित रहते हैं। सत्कार्यों का संकल्प उठा, निज भक्तों से वो कहते हैं। शिशु रूप शरण जा हनुमत की, वो माँ बनके दुलरायेंगे। शरणागत हो जा........ बुद्धि शक्ति के दाता हैं वो शक्ति तेरी बढ़ा देंगे। तेरे विवेक को जाग्रत कर, तुझे राम शरण पहुंचा देंगे। दो अश्रु बहे यदि हनुमत मित, वो स्वयं पोछने आएंगे। शरणागत हो जा ........ तू भाई, सखा, स्वामी माने, वो सब बनने को राजी है। रिश्ता पक्का हो गया अगर, तो जीत ली तूने बाजी है। करुणा के सागर है हनुमत, वो करुणा ही बरसायेंगे। शरणागत हो जा........ परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा प...
प्रभु कार्यों का निमित बना जो
भजन

प्रभु कार्यों का निमित बना जो

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** प्रभु कार्यों का निमित बना जो, प्रभु उसकी रक्षा करता है। जग दायित्व पूर्ण करवा कर, उनको जग विरक्त करता है, प्रभु कार्यों का .... है परिवार दिया ईश्वर ने, उसके सब कर्तव्य निभाओ। अच्छा बुरा करो प्रभु अर्पित, और कृतज्ञता भाव बढ़ाओ। पूर्ण समर्पित हो प्रभु को तो, माँ की तरह ध्यान धरता है। प्रभु कार्यों का .... ईश्वर की प्रेरणा से ही कुछ, भक्ती गीत सृजित होते है। जो माया में चिपके है वे, भाग्य सुलाकर खुद सोते है। जो प्रभु भक्ति ओर बढगये, उनकी भक्ति पुष्ट करता है। प्रभु कार्यों का .... ६० साल के आगे आयु, प्रभु निज सुमिरन हेतु दे रहा। कुछ तुझमे देखा है सात्विक, इसीलिए है कृपा कर रहा। जो प्रभु सुमिरन में रम जाता है, उसके साथ सदा रहता है। प्रभु कार्यों का .... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा ...
जग नियंता की शक्ति
भजन, स्तुति

जग नियंता की शक्ति

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** जग नियंता की शक्ति को पहचान तू, सारी सृष्टि है प्रभु की बनाई हुई। लेखनी बस चलाते हैं हम जैसे कवि, हर इक कविता है ईश्वर की गाई हुई। जग नियंता...... मत अहम पाल की तू सृजन कर रहा, जिसपे करता कृपा प्रभु, भजन कररहा। अपनी शक्ति से जीवित नहीं है कोई, सबकी सांसे हैं प्रभु की चलाई हुई। जग नियंता....... जो करेगा भजन वो रहेगा मगन, डूब पाया अगर तो छुएगा गगन। गया सके राम महिमा को तुलसी तभी, ये थी हनुमत की सरिता बहाई हुई। जग नियंता.......... तू लगा इसमें डुबकी और हो धन्य जा, वो लुटाता है प्रतिपल, तू जो लूट पा। जन्म के साथ माँ तन से अमृत मिला, सारी औषधियाँ प्रभु की उगाई हुई । जग नियंता........ परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रच...
आज का सृजन
भजन

आज का सृजन

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** "राम" रस में डूबकर देखो, तुम्हें भक्ति मिलेगी। होंगे खुश हनुमान जी, उनसे तुझे शक्ति मिलेगी। राम रस में डूबकर... "राम" प्रिय लगने लगा तो, काम खुद घटने लगेगा। डूब पाया "राम" में तो, जग से मन हटने लगेगा। माया जब घेरेगी तो, हनुमान से युक्ति मिलेगी। "राम" रस में डूबकर.... प्रभु ने मानव तन दिया, उपकार उसका मान प्राणी। श्रेष्ठ योनि में है जन्मा, मधुर करले अपनी वाणी। शारदे माँ रीझ जाएंगी तो, अभिव्यक्ति मिलेगी। "राम" रस में डूबकर.... सूर, मीरा और कबीरा डूबे, प्रभु महिमा को गाया। भक्ति गंगा में नहाने, के लिए भक्तों ने गाया। "राम" सेवा में लगा तनमन को, तो मुक्ति मिलेगी। "राम" रस में डूबकर.... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि म...
प्रभु से विनती…
भजन

प्रभु से विनती…

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** प्रभु करो करुणा तो तेरा, "प्रेम" भक्ति गीत गाये, जो सुने उनको, उन्ही में डूब, उनको गुनगुनाये। प्रभु करो करुणा.... राम जी ने की कृपा तो, भाव खुद बहने लगे है, और उनकी महिमा का गुणगान हम करने लगे हैं। गीत हों स्वर में संजोए, श्रेष्ठ गायक जग सुनाएं। प्रभु करो करुणा.... तुमने की किरपा तो तुलसीदास ने मानस लिखी है, भाव से जिसने किया है पाठ, तो भक्ति दिखी है। जो करे रसपान नित, वो इससे जीवन युक्ति पाए। प्रभु करो करुणा.... जिस हृदय करुणा जगी, वो श्रेष्ठ मानव ही बनेगा, भूलकर वो स्वार्थ अपना, दीनों के दुख को हारेगा। हर तरफ दिखने लगे तू, वो भी तुझमें डूब जाये। प्रभु करो करुणा... नाम तेरा मुक्तिदायी, इसको बस जपता रहूँ अब, सांसे गिनती की मिली हैं, क्या पता रुक जायें ये कब। "प्रेम" अब सुमिरन...
मिशन २०२४
कविता

मिशन २०२४

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** इस चुनाव में हर वोटर को, निकल बूथ तक जाना होगा। जाती धर्म से ऊपर उठकर, राष्ट्र प्रेम दर्शाना होगा। इस चुनाव में... आठ साल में समझ गए सब, किसको भारतमाता प्यारी, ऐसा लाल जना है जिसने, वन्दनीय है वो महतारी। जिसने भारत मान बढ़ाया, पुनः उसे ही लाना होगा। इस चुनाव में... बाकी नेता लूट देश को, केवल अपना घर भरते थे, निज परिवार और धन के खातिर, सारे पाप कर्म करते थे। जो अपना वेतन भी दान दे, उस सपूत को लाना होगा। इस चुनाव में... अश्वमेध है यज्ञ हो रहा, आहुति दे कर्तव्य निभाओ। भृष्टाचार मुक्त भारत मित, भृष्ट न संसद तक पहुंचाओ। जिसने दौड़ाया विकासपथ, उसका साथ निभाना होगा। भारी बहुमत से विजयी कर, सेवा लाभ उठाना होगा। इस चुनाव में ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोष...
अकल्पित असीमित
भजन, स्तुति

अकल्पित असीमित

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** प्रभु नाम महिमा अकल्पित असीमित, इसे तो जगत को बताना पड़ेगा। कवि इसको लिपिबद्ध करते रहेंगे, और गायक को फिर इसको गाना पड़ेगा। प्रभु नाम ... प्रभु नाम पावन है गंगा के जल सा, तू लग नाम जप में,और डुबकी लगा ले। तू जग कार्यो के संग सुमिरन में लग जा, और जग के नियंता की करुणा को पा ले। अगर जग की माया में चिपका रहा तो, तुझे भोग योनि में आना पड़ेगा। प्रभु नाम... तुझे श्रेष्ठतम योनि ईश्वर ने भेजा, तो तू श्रेष्ठ कर्मो से प्रभु को रिझा ले। प्रभु नाम सुमिरन है मुक्ति का साधन, तू रम राम सुमिरन में, मुक्ति को पा ले। अगर प्रभु कृपा को गँवायेगा तू तो, नहीं ज्ञात किस योनि जाना पड़ेगा। प्रभु नाम... अनैतिक तरीके से धन यदि कमाया, तो धन, गाड़ी, बंगला तो तेरा बनेगा। मगर तेरे बच्चे पले गलत धन से, तो कोई नहीं योग्य कर्मठ ब...
ब्रम्हमुहूर्त की हनुमत्कृपा
भजन, स्तुति

ब्रम्हमुहूर्त की हनुमत्कृपा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** आज ब्रम्हमुहूर्त की हनुमत्कृपा। अगर सोते जगते है प्रभु याद आता, तो समझो कि भक्ति पनपने लगी है। तेरा मन भी यदि प्रभु में रमने लगा है, तो ईश्वर की करुणा बरसने लगी है। अगर सोते जगते....... तू प्रभु नाम सुमिरन की आदत बना ले, स्वयं होगा अनुभव,है ये मन को भाया। तू प्रभु दर को अपने कदम दो बढ़ा ले, तू देखेगा वो ,चार पग दौड़ आया। प्रभु से तेरी प्रीति बढ़ने लगी तो, जगत माया खुद ही सिमिटने लगी है। अगर सोते जगते..... तुझे प्रभु ने भेजा है,सृष्टि सृजन मिट, मगर मुख उद्देश्य है प्रभु का सुमिरन। जगत कार्य हाथों से करता रहे पर, तेरे मन मे होता रहे प्रभु समर्पण। तू पतवार को सौप दे यदि प्रभु को, तो नैय्या भँवर में भी चलने लगी है। अगर सोते जगते........ अगर भूल उद्देश्य माया में चिपका, तो ईश्वर की करुणा को तूने गँवा...
आज की हनुमत कृपा
भजन, स्तुति

आज की हनुमत कृपा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** "राम" की पग धूल को, मस्तक लगा चंदन बनेगा। पायेगा हनुमत्कृपा और, शीघ्र ही कंचन बनेगा। राम की पग धूल... राम ने सृष्टि रची, और वो ही इसको पालता है। जिसमे हो आशक्ति जिसकी, उसमे उसको ढालता है। कर्म में है स्वतंत्र तू, प्रभु में रमा तो रतन बनेगा। राम की पग धूल... भक्त हनुमत सबको ही हैं, " राम नाम" का मंत्र देते। आस्था दृढ़ होती उनकी, जो है इसको मान लेते। डूब जा सुमिरन में तो तू, भक्ति पथ पर बढ़ चलेगा। राम की पग धूल... भूत को तू भूलकरके, नाम गंगा में नहा ले। वो तो है करुणा का सागर, तू भी उसकी कृपा पा ले। नाम सांसो में रमा पाया, तो मुक्ति रथ चढ़ेगा। "राम" की पग धूल... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक ह...
होली राम रंग संग खेलो
कविता

होली राम रंग संग खेलो

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** होली राम रंग संग खेलो, हनुमत झूम के नाचेंगे। लगेगा भक्तों का दरबार, नाम महिमा वे बांचेगे। होली ..... बहाओ र से रंग फुहार, म में है माँ सीता का प्यार, चढ़ेगा जिन पर हनुमत रंग, वो माँ के चरण पखारेंगे। होली....... नहीं हुड़दंग का ये त्योहार, लुटा दो सब पर अपना प्यार, बढ़ी कटुता जिनसे इस साल, मिटाकर गले लगालेंगे। होली....... न डूबो दारू में या भांग, यही है सात्विकता की मांग। आओ बैठो हनुमत दरबार, "नाम" का नशा चढ़ा देंगे।होली....... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्री...
राम नाम की मधुशाला (भाग- ५)
छंद, भजन

राम नाम की मधुशाला (भाग- ५)

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** अंगूरी मदिरा पीने, मदिरालय जाना पड़ता है। कठिन कमाई से अर्जित धन, व्यर्थ गवांना पड़ता है। राम नाम मदिरा अंतर में, खोल भरम का तू ताला। बिना मूल्य के जी भर पी ले, बन जायेगा मधुशाला। राम नाम मदिरा में डूबा, फिर कुछ नहीं लुभायेगा। पूर्ण तृप्त होगा हरपल तू, खुद में ही सुख पायेगा। बहुत नशीली है ये मदिरा, शीघ्र उठा ले तू प्याला। स्वास्थ नहीं करती खराब ये, पी जा पूरी मधुशाला। पी कबीर ने राम नाम को जब लेखनी उठाई है। ऐसी अमृतवाणी फूटी पढ़ दुनिया हरसाई है। राम नाम की मदिरा पीकर, हाथ लिए घूमा प्याला। दोनों हाथ पिलाई जग को, फिर भी भरी है मधुशाला। राम नाम की मदिरा पीनेवाला, उन्मत रहता है। जग आसक्ति छूट जाती है, सदा स्वस्थ तन रहता है। हाथ कार्य करते दिखते हैं, अंतर चले "नाम" माला। सुमिरन में रम ...
राम नाम की मधुशाला (भाग- ४)
छंद, भजन

राम नाम की मधुशाला (भाग- ४)

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** इस पवित्र पावन गंगा में, जो भी नित्य नहाता है। उसके पाप नष्ट होते हैं, मुक्ति धाम को पाता है। मानव जीवन धन्य उसीका , जिसने पिया नाम प्याला। जिसमे छलके नाम की मदिरा, उसे कहेंगे मधुशाला। ये कल्याणदायिनी गंगा, मरुथल में बह सकती है। वो अमोघ शक्ति है इसमें, जो चाहे कर सकती है। नाम जाप ने रत्नाकर डाकू, को ऋषि बना डाला। रामायण की रचना करके, वो बन बैठा मधुशाला। भक्त विभीषण दैत्य हो जन्मा, पर फिर भी वो सात्विक था। रावण का मंत्री था फिर भी, सत्यनिष्ठ और धार्मिक था। राम नाम की प्रीत ने उसको, हनुमत से मिलवा डाला। कर सहयोग प्रभु सेवक का, वो बन बैठा मधुशाला। राम नाम की मदिरा का कुछ, स्वाद जिसे मिल जाता है। वो उसमे ही डूब राम रस, सबको खूब पिलाता है। जिसको ये मदिरा चढ़ जाती, हो जाता है मतवाला। ...