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समय बहुत ही मूल्यवान है

प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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समय बहुत ही मूल्यवान है,
इसे पकड़ प्रभु सुमिरन करले।
“मानस” है जीवन का दर्शन,
नित्य प्रातः कुछ इसको पढ़ले।
समय बहुत ही……..

राम चरित लिखने के मित ही,
तुलसीदास का जन्म हुआ था।
पर सुन्दर पत्नी पा करके,
उन्हें कार्य ये भूल गया था।
पर रत्ना ने याद दिलाया,
प्रभु चरणों मे प्रीत बढ़ा ले।
समय बहुत ही ………

कामुक मन को ठेस लगी तो,
प्रभू कृपा से भक्त जग गया।
नहीं पलट देखा रत्ना को,
प्रभु चरणों की ओर बढ़ गया।
हनुमत ने तब याद दिलाया,
बाल्मीकि का वचन निभाले।
समय बहुत ही ………

मुक्ति हेतु मनाव तन पाया,
ये ईश्वर की करुण कृपा है।
तरे अजामिल, गणिका से भी,
जब उनने प्रभु नाम जपा है।
जितनी साँसे शेष बची हैं,
उनको प्रभु सुमिरन में लगाले।
समय बहुत ही ……….

परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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