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सफेद बाल का साक्षात्कार

डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
मोदीपुरम, मेरठ (उत्तर प्रदेश)
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एक पत्रकार ने
सफेद बाल से पूछा,
तुम क्यों उखड़े-उख़ड़े
रहते हो?
काले बालों के साथ
मिलकर क्यों
नहीं रहते हो?
उसने कहा कि
आप कैसे हो पत्रकार?
सही सवाल गलत जगह
पर पूछ रहे सरकार!!
अरे संख्या
उनकी ज्यादा है।
अ‍पनी तो एक
सीमित-सी मर्यादा है।
और हम पर
आरोप है कि हम
मिलकर नहीं रहते!!
उन्हें घमंड है कि
हम काले हैं
तो क्या हुआ
दिलवाले हैं,
वो हमसे सीधे मुंह
बात तक नहीं करते।
ममतामयी माँ को
मोम और ज़िंदे
पिता को डैड बना दिया!
और हमारा रंग
क्या सफेद हो गया,
दादा जी की जगह
खुजली वाला दाद
यानी दादू बना दिया?
उनका कहना है कि
आपको साथ में लाने की,
बहुत कोशिश की
रंग में रंग मिलाने की।
लेकिन आप हैं कि
कुछ दिनों में अपना
रंग दिखाने लगते हैं,

अकड़कर फिर से तूर
की तरह तनकर
खड़े हो जाते हैं ।
अरे तो क्या हम यूँ ही
छाँव में सफेद हो गए हैं?
अनुभव नाम की भी
कोई चीज होती है,
ये क्यों भूल जाते हैं?
उन्हें लगता है कि
वो विज्ञान से
सब बदल देंगे!
इन फरेबी रंगों से
असलियत को
भी रंग देंगे?
वो भूल रहे हैं कि
अनुभव से ज्ञान और
ज्ञान से विज्ञान बनता है।
कोई भी बड़ा ऐसे ही
नहीं बन जाता
अनुभव और संस्कार
का मिलान होता है।
बदलकर रंग तुम
अपना क्यों
फरेब करते हो?
झुठलाकर के हक़ीकत
ये कैसा दंभ भरते हो?
अगर रंग ही भरना है
दुनिया में खुशी
के रंग भर दो।
हटा दो ये दिखावटी
ढकोसले, किसी को
थोड़ा वक्त भी देदो।
जुड़े रहोगे जड़ों से तो
दूर तलक जाओगे
लगाकर मस्तक पे
चरण रज आसमा
पे छाओगे।
सुनो अपने मन की,
थोड़ी उनकी भी मानो
किसी से बात तो करलो,
किसी का दर्द तो जानो।
सफेद रंग बेरंग नहीं,
सभी रंगों का मेल है।
ये रंग है सत्य का,
अनुभवों का खेल है।
इतना सुन अचानक
पत्रकार के बाल खड़े हो गए

दिखाने अपना असली
रंग थोड़े और बड़े हो गए।
आखिर ये उनके
मान की बात थी,
उनके अधूरे
सम्मान की बात थी।

परिचय :- डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
जन्म : ५ फरवरी १९७३
जन्म स्थान : कौलाहर (मथुरा)
निवास : मोदीपुरम (मेरठ) उत्तर प्रदेश।
शिक्षा : एम.ए हिंदी, शिक्षा शास्त्र, इतिहास, बी.एड (पी.एच.डी- निरंतर)
वर्तमान निवास : दोहा क़तर (अरब की खाड़ी)
साहित्यिक परिचय : लेखक- नई स्वाति कक्षा १-८ सरस्वती हाउस पब्लिकेशन, (एस. चाँद पब्लिकेशन) नई दिल्ली। कवि, विचारक, साहित्यकार (ब्लोग राइटर)
कार्य स्थल : वर्ष २००८ से खाड़ी के देशों में हिंदी शिक्षण कार्य में संलग्न। वर्तमान में दोहा मॉडर्न इंडियन स्कूल में बतौर विभागाध्यक्ष हिंदी के रूप में कार्यरत।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है


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