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समय चुनाव का

रामसाय श्रीवास “राम”
किरारी बाराद्वार (छत्तीसगढ़)

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दोहा छंद

आया समय चुनाव का, करना है मतदान।
हमें बनाना है यहाॅं, मिलकर एक विधान।।

लोकतंत्र की जान है, वोटर का अधिकार।
स्वस्थ प्रशासन के लिए, यह सुंदर आधार।।

सोच समझकर ही करें, हम अपना मतदान।
दूर प्रलोभन से रहें, बढ़े देश की शान।।

छणिक प्रलोभन में डिगे, कभी नहीं ईमान।
सच्चे मतदाता बनें, रखना है यह ध्यान।।

ऐसे नेता को चुनें, समझ सके जो पीर।
मतदाता के ऑंख से, पोंछ सके जो नीर।।

पाॅंच वर्ष की योजना, लाती है सरकार।
जनता के हित में बने, वही करें स्वीकार।।

मतदाता को चाहिए, कर नेता की जाॅंच।
वोट उसी को दीजिए, लगता हो जो साॅंच।।

जाति धर्म की भावना, इन सबसे हों दूर।
वोट कभी मत कीजिए, होकर के मजबूर।।

प्रत्यासी जाना हुआ, देश भक्त इंसान।
राजनीति की हो परख, उसे करें मतदान।।

अपना देश महान है, इसकी ऊॅंची शान।
इसको और बढ़ाइए, घटे न इसकी मान।।

परिचय :- रामसाय श्रीवास “राम”
निवासी : किरारी बाराद्वार, त.- सक्ती, जिला- जांजगीर चाम्पा (छत्तीसगढ़)
रूचि : गीत, कविता इत्यादि लेखन
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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