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गर्वित अटल बिहारी

अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
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पैतृक गाँव बटेश्वर में ही,
जन्म आपने पाया।
कृष्ण बिहारी, कृष्णा देवी,
का घर धन्य बनाया।

पच्चीस दिसंबर सन चौविस में,
जन्मे अटल बिहारी।
मात-पिता परिजन हर्षित थे,
छाई खुशियाँ भारी।

सरस्वती शिक्षा मंदिर सँग,
वे कॉलेज पढ़े थे।
शिक्षा अरु कौशल के दम पर,
ऊँचे शिखर चढ़े थे।

नमिता और नंदिता दोंनों,
गोद लिए बेटी थीं।
लाड प्यार से पाला उनको,
दोनों परम चहेतीं।

जनमानस की सेवा करना,
ध्येय बनाया अपना।
निर्बल, निर्धन सभी सुखी हों,
मन में देखा सपना।

राजनीति में पहुँच आपने,
जनसंघ को अपनाया।
प्रथम सांसद बन दुनिया में,
यश सम्मान कमाया।

अपनी वाणी पर संयम रख,
सबका मन हर्षाया।
देश विदेशों में भारत का,
था परचम लहराया।

रहे सांसद और मंत्री,
प्रखर अग्रणी वक्ता।
राजनीति में जगह आपकी,
कोई नहीं ले सकता।

बने प्रधानमंत्री भारत के,
सब ने हर्ष मनाया।
भारत को परमाणु शक्ति से,
पूरित राष्ट्र बनाया।

कठिन परिस्थितियों में भी वे,
विचलित कभी न होते।
अटल अडिग थे, निज स्वभाव से,
कभी धैर्य न खोते।

खुली छूट देकर सेना को,
युद्ध कारगिल जीता।
धूल चटा दी पाक सैन्य को,
वापस भेजा रीता।

साफ स्वच्छ छवि के नेता को,
माने दुनिया सारी।
है कृतित्व, व्यक्तित्व शिखर सा,
गर्वित अटल बिहारी।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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