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जीवन मेरा सरगम जैसा

चेतना प्रकाश “चितेरी”
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

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तेरे प्यार में सजना,
तेरी सजनी संँवर रही..२
सात स्वरों से सजा है संगीत ,
सात फेरों से सजा है जीवन,
सात जन्मों तक मिलें सजना तेरा प्यार
तेरे प्यार में सजना,
तेरी सजनी सज रही,
तेरे प्यार में सजना तेरी
सजनी संँवर रही..२

तेरे प्रेम के धुन में,
घर आंगन चहके,
खिल रही मेरी फुलवारी,
तेरे रंग में रंग कर,
सजना झूम-झूम कर
मेरा मनवा नाचे,
तेरे प्यार में सजना,
तेरी सजनी संँवर रही…२

मिला जो तेरा साथ साजन,
जीवन हुआ मेरा सरगम जैसा,
ना ग़म की परछाई,
चारों और ख़ुशियांँ ही छाई,
चंदन जैसा, सुगंधित
पवित्र हुआ हमारा बंधन,
सजना तेरे प्यार में,
तेरी सजनी निखर रही,
सजना तेरे प्यार में
तेरी सजनी संँवर रही..२

परिचय :- चेतना प्रकाश “चितेरी”
निवासी : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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