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ऐ वीर जवान

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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ऐे सैनिक ! फौज़ी, जवान, है तेरा नितअभिनंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।

गर्मी, जाड़े, बारिश में भी, तू सच्चा सेनानी
अपनी माटी की रक्षा को, तेरी अमर जवानी
तेरी देशभक्ति लखकर के, माथे तेरे चंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।

आँधी-तूफाँ खाते हैं भय, हरदम माथ झुकाते
रिपु तो तुझको देख सिहरता, घुसपैठी थर्राते
सीमाओं के प्रहरी तू तो, वीर शिवा का नंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।

तू सीमा पर डँटा हुआ पर, हम त्यौहार मनाते
तू जगता, मौसम से लड़ता, हम नींदों में जाते
तेरे कारण खुशहाली है, किंचित भी ना क्रंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।

मात-पिता, बहना-भाई सब, तेरे भी हैं नाते
तू पति है, तो पुत्र भी चोखा, तुझको सभी सुहाते
पर अपने इस मुल्क़ की ख़ातिर, छोड़े तू सब बंधन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।

तुझसा कोई और न दूजा, त्याग तिरा यशगानी
केवल इस माटी के नामे, तूने की ज़िंदगानी
बोले नित जयहिंद का नारा, तेरा पावन तन-मन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।

लोकतंत्र है तुझसे रक्षित, सेवा में तू हर पल
लिये समर्पण, त्याग औ’ निष्ठा, तू गंगा की कल-कल
परमवीर तू, महाबली भी, गाता है जन-गण-मन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।

परिचय :- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
जन्म : २५-०९-१९६१
निवासी : मंडला, (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.ए (इतिहास) (मेरिट होल्डर), एल.एल.बी, पी-एच.डी. (इतिहास)
सम्प्रति : प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष इतिहास/प्रभारी प्राचार्य शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
प्रकाशित रचनाएं व गतिविधियां : पांच हज़ार से अधिक फुचकर रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण : रेडियो, भोपाल दूरदर्शन, ज़ी-स्माइल, ज़ी टी.वी., स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी., साधना चैनल से प्रसारण।
संपादन : ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं/विशेषांकों का सम्पादन। एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : देश के लगभग सभी राज्यों में ७०० से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन। म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड (५१०००/ रु.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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