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कल का पता नहीं

निज़ाम फतेहपुरी
मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
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वज़्न- २२१ २१२१ १२२१ २१२
अरकान- माफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन

जो आज तेरा सच वही कल का पता नहीं।
देखा हो जिसने कल कोई ऐसा मिला नहीं।।

जितना मिला बहुत है ज़ियादा करोगे क्या।
कुछ ले के जाते क़ब्र में इंसाॅं दिखा नहीं।।

कल पर न छोड़ कुछ भी जो करना है कर अभी।
आ जाए कब बुलावा कोई जानता नहीं।।

दौलत तेरी तेरी नहीं शोहरत नहीं तेरी।
बस इक वहम था तेरा जो मर कर रहा नहीं।।

साथी बहुत थे जीते जी तनहा है क़ब्र में।
दो गज़ ज़मीं है गहरी कोई दूसरा नहीं।।

आगे से पीछे आ गए कब पीछे चलते हम।
आई है अक़्ल देर से जब कुछ बचा नहीं।।

इक वक़्त था निज़ाम वो तेरा उरूज था।
पीछे हो आज रहनुमा अपना चुना नहीं।।

परिचय :- निज़ाम फतेहपुरी
निवासी : मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) भारत
शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित हैं


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