तीज विशेष -खटमल की सरगही
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रचयिता : भारत भूषण पाठक
उठकर अहले सुबह तीज के दिन।
घड़ी में बजे थे तभी साढ़े तीन।।
बोली खटमल की तब पत्नी ।
जानूँ ...सरगही लेट्स राॅक्स।
खटमल प्यारा धीरे- से बोला
जानूँ..... सरगही हाऊ यू राॅक्स।।
बोली फिर से खटमल की पत्नी।
बनकर थोड़ी -सी मीठी चाश्नी।।
प्यारे प्रियतम पति देव जी हमारे।
यह बात नहीं समझ आती तुम्हारे।।
दिन भर करना है मुझे उपवास।
होता नहीं है क्या तुम्हें विश्वास ।।
जाओ मानव का ला दो खून।
चौंक गया यह पति फिर सुन।।
बोला आई एम सो शाॅक्ड।
वाट डू यू से ओ माई गाॅड।।
बोली फिर भी खटमल की पत्नी।
जानूँ ,इट्स नॉट ए प्राॅब्लेम।
सरगही तो राॅक्स सो राॅक्स।
सो जानूँ सरगही लेट्स राॅक्स।।
लेखक परिचय :-
नाम :- भारत भूषण पाठक
लेखनी नाम :- तुच्छ कवि 'भारत '
निवासी :- ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका(झारखंड)
कार्यक्षेत्र :- आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग...


















