दादा-दादी की गौरैया
मनस्वी कमलेशभाई पटेल
श्यामनगर, अरवल्ली (गुजरात)
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सूबह को पूरी चाँच से पकड़ी
चिड़िया चीं चीं गाएँ,
पेड़-पेड़ पर सूरज बैठे
चम्-चम् चम्-चम् होय,
चिड़िया चीं चीं चीं चीं गाएँ
चिड़िया चक्-चक् करती जाएँ।
सूबह को पूरी …
फर्-फर् करती आकर बैठी
दादाजी के झूले पर,
प्यारी बनकर पापा को पूछे
यहाँ बनाऊँ अपना घर?
हसती-खेलती जाएँ,
चिड़िया चीं चीं करती जाएँ।
सूबह को पूरी …
फर्-फर् करती आकर बैठी
दादी माँ के आँगन में,
नाचती-झूमती कहेगी
चको चढ़ा है घोड़े पर,
कूदती-कूदकती जाएँ
चिड़िया चीं चीं करती जाएँ।
सूबह को पूरी …
परिचय :- मनस्वी कमलेशभाई पटेल
निवासी : श्यामनगर, तहसील- धनसुरा, जिला- अरवल्ली (गुजरात)
छात्रा : श्री एस.के. शाह एवं श्री कृष्ण ओ.एम. आर्ट्स कॉलेज
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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