हे वीणा वादिनि कृपा कर दो
सपना मिश्रा
मुंबई (महाराष्ट्र)
********************
हे वीणा वादिनी,
हे ज्ञान की देवी, कृपा कर दो।
ज्ञान से अपने हमें भर दो।
हे ममता की मूरत,
है वर्णों की ज्ञाता,
वेद पुराणों की भाषा,
हे भाग्य विधाता,
आशीष से अपने हमें तर दो।
हे वीणा वादिनी,
कृपा कर दो।
हे मां शारदे,
सुर ताल से अपने हमें स्वर दो।
हे वीणा वादिनी,
हे संगीत की देवी,
सरगम में स्वर भर दो।
करती हो कृपा सब पर
हम पर भी कृपा कर दो।
ज्ञान से अपने हमें तर दो।
परिचय :- सपना मिश्रा
निवासी : मुंबई (महाराष्ट्र)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाई...