युगों के बाद कोई महावीर होता है!
रचयिता : रशीद अहमद शेख
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युगों के बाद कोई महावीर होता है!
हर एक देश में हर युग में वीर होता है!
युगों के बाद कोई महावीर होता है!
जगत में छाती है जब-जब अधर्म की बदली!
ज़मीं पे गिरती है रह-रह के ज़ुल्म की बिजली!
जब आदमी को सताती है गुनाहों की उमस,
अंधेरे दौर में आती है रोशनी उजली!
जब आसमान की आंखों में नीर होता है!
युगों के बाद •••••••••••••
महापुरुष तो ज़माने में आते-जाते हैं!
भटकने वालों को रस्ता सही दिखाते हैं!
प्रयत्न करते हैं कल्याण हेतु आजीवन,
महान कर्म से इतिहास वे बनाते हैं!
कभी-कभी ही कोई बेनज़ीर होता है!
युगों के बाद ••••••••••••••••
बस एक अवधि तक ही भूमि पाप ढोती है!
फिर इसके बाद सिसकती है खूब रोती है!
दशों दिशाओं में मचता है हाहाकार बहुत,
मनुज को देख दुख...