वार
अशोक शर्मा
कुशीनगर, (उत्तर प्रदेश)
********************
धार छन्द
(चार वर्ण-सात मात्रा-२२२१)
सीमा पार।
बैरी चार।
अत्याचार।
हाहाकार।
चारो ओर।
मानो खोर।
नाता तोड़।
माथा फोड़।
भागे लोग।
बिना जोग।
ऐसी होड़।
खाना छोड़।
ना है आस।
कोई पास।
काया खास।
सत्यानाश ।
छूटे कूछ।
नाही पूछ।
काटे पेट।
देवी भेंट।
पानी आज।
खोयी लाज।
धोती ढाल।
खोती लाल।
खोटे लोग।
का है योग।
ना है रोध।
कोई बोध।
नाही नेह।
कोई गेह।
तेरा क्षेम।
कैसा प्रेम।
मानो खार।
सीमा पार।
रोको यार।
ऐसी धार।
परिचय :- अशोक शर्मा
निवासी : लक्ष्मीगंज, कुशीनगर, (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प...
























