बेटी
किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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मेरे जीवन की प्रथम कविता १६.०४.२०२०
बेटा और बेटी तराजू के दो पलड़े हैं,
बेटी प्रकृति का वरदान है,
बेटी प्रभात की किरण की मुस्कान है,
बेटी ना होती तो दुर्गा पूजा कहां होती,
बेटी तू दुर्गा है बेटी वृषभान दुलारी है,
बेटी जनक नंदिनी है,
बेटी मीरा भक्ति का वरदान है,
बेटी कृष्ण की कर्मा है,
बेटी लक्ष्मीबाई तलवार की धार है।
बेटी तो प्रतिभा की खान है,
बेटी इंदिरा है बेटी विलियम हे,
बेटी शक्ति है बेटी साहस हे,
बेटी ममता ललिता और रमन है।
बेटी तो मां की आत्मा और पिता के
दिल का टुकड़ा है, बेटी बिन जग अधूरा है।
बेटी ज्योति है बेटी दाऊ है बेटी ममता की छांव है,
बेटी आँगन मे पायल की झंकार है,
बेटी लाल चुनरी में दीपक का प्रकाश है,
बेटी आयु है बेटी निधि है,
बेटी तो आंगन में तुलसी सी बहार है।
बेटी किरण की मुस्कान है,...