वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे
सिमरन कुमारी
मुजफ्फरपुर (बिहार)
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वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे ...........
विरह की नीर से महान नहीं बनना!!
छोटी सी जिंदगी हैं उसे तेरे संग ..........
हमें हरपल रंगना हैं प्रेम भरे रंग!!
कुंज गली में रोये राधा बेसुध बन........
श्याम व्याकुल पाकर भी बेचैन!!
अकेले छोड़ चले गए करके विरान........
इंतजार करते निकल गए प्राण!!
वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे!!
इंतजार में नहीं जीना हैं प्यार में........
ना मैं हूँ महान ना ही भगवान!!
इस जन्म करना एक-दूसरे के नाम .........
पूरे प्रेम देकर भी नहीं मिला नाम
तुम बनोगे मेरे नए मेरे घनश्याम !!
प्रेमिका की तरह विरह में नहीं........
नए कान्हा के रूप में संग चलना !!
मुझे कान्हा से प्रेम हैं अटूट........
पर राधा का तड़प से दिल जाता टूट!!
हर रंग हर भाव में तुम रहना श्याम.........
बस नहीं छोड़ना कभी भी अपन...