सुहानें मौसम
डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़)
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मौसम हो गई हैं अब सुहानें,
पंछी गीत गा रही हैं नए तराने।
प्रकृति भी ओढ़ ली हैं चादर हरियाली,
पर्वत पठार बन गए हैं अब दिवानें।।
मंद हवा की सुमधुर झरोखों से,
तन-मन को प्रफ्फुलित कर दिया।
और बारिश की रिमझिम फुहारों से,
धरती भी बन गई अब तो मस्ताने।।
नदी-नालों की कलरव संग फूलों पर,
मंडराती तितली झर-झर बहती झरना।
देख नज़ारा मन हमारा बस,
कहता हैं? मौसम हो गई अब सुहानें।।
परिचय :- डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
निवासी : मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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