हे कैलाशपति
डॉ. कोशी सिन्हा
अलीगंज (लखनऊ)
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हे कैलाशपति ! हे गिरिजापति !
हम भक्त हैं तेरे, भोले भाले
हे जगतपति! हे गौरीपति !
तुम सगरे जग से हो निराले
हे देवाधिदेव ! महेश हो तुम
तेरी महिमा को पार न पावे
त्रिलोक के स्वामी हो तुम
लंगड़ा, गिरि पर चढ जावे
तेरी भक्ति की शक्ति से स्वामी
असंभव सब संभव हो जावे
हे योगी महा ! हे अन्तर्यामी !
तुम से प्रलय में, लय हो जावे
हे त्रिशूल धारी ! डमरू निनाद कर
भक्ति की डगर, आज बता दे
हे विषपायी! गंगा को बहा कर
पावनता की लहर, अब जगा दे।
परिचय :- डॉ. कोशी सिन्हा
पूरा नाम : डॉ. कौशलेश कुमारी सिन्हा
निवासी : अलीगंज लखनऊ
शिक्षा : एम.ए.,पी एच डी, बी.एड., स्नातक कक्षा और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में अध्यापन
साहित्य सेवा : दूरदर्शन एवं आकाशवाणी में काव्य पाठ, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में गद्य, पद्य विधा में लेखन,
प्रकाशित पुस्त...























